Edited By Harman Kaur,Updated: 28 Apr, 2023 04:47 PM

निर्माणाधीन भव्य व दिव्य मंदिर में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा तारीख तय हो गई है और वह तारीख 22 जनवरी है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर....
अयोध्या (संजीव आजाद): निर्माणाधीन भव्य व दिव्य मंदिर में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा तारीख तय हो गई है और वह तारीख 22 जनवरी है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर उस तारीख का खुलासा कर दिया है, जब रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे। जिसके बाद से अयोध्या के संतों और राम भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है।

22 जनवरी को है दिन सोमवार और द्वादशी तिथि
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि 14 तारीख को खरवास समाप्त हो जाएगा, इसके बाद सभी शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। चाहे वह प्राण प्रतिष्ठा हो, चाहे मकान निर्माण हो, वह सब कुछ एक साथ प्रारंभ हो जाते हैं। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहते हैं कि सोमवार का दिन है द्वादशी तिथि है, इसमें आनंद का योग है। इसलिए 22 तारीख को जो घोषणा की गई है कि भगवान रामलला को प्रतिष्ठित व्यक्ति मंदिर में किया जाए वह तिथि शुभ ह। आशा है इसी 22 तारीख को रामलला को भव्य दिव्य मंदिर में विराजमान कराया जाएगा।

इस दिन होगी प्रभु श्री रामलला के नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, जुटेंगे देशभर के संत धर्माचार्य
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता के अनुसार 14 जनवरी संक्रांति बदलती है, मकर संक्रांति शुरू होती है, सूर्य उत्तरायण होते हैं। पहले से भी यही तय था कि 14 जनवरी के बाद जो भी बढ़िया तिथि निकलेगी उस दिन भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होगी, तो 22 जनवरी अगर तय हो गई है। भगवान को गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा और उसी दिन प्रभु श्री रामलला की तैयार की गई नई मूर्ति की भी प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा में संत-महंत, देश के बड़े-बड़े धर्माचार्य और प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री योगी और कई गणमान्य लोगों के आने की संभावना है।

22 जनवरी को है आनंद योग की तिथि
तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु आचार्य ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य दिव्य मंदिर निर्माण पूर्णाहुति की ओर है, जब भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे, तब विपक्षी पार्टियां कहती थी मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। अब मंदिर तो पूर्ण होने ही वाला है रामलला को गर्भगृह में प्रतिष्ठित करने की तारीख भी आ गई है। जो 22 जनवरी तिथि में एक बहुत बड़ा रहस्य छुपा हुआ है, ज्योतिष के आधार पर इसका शास्त्रीय महत्व है, 22 जनवरी को आनंद योग है, मतलब जो आनंद सिंधु सुख राशी श्री करते त्रिलोक सुपासी, प्रभु कैसे हैं आनंद के सिंधु माने समुद्र है और जीव जितने भी प्राणी हैं दुख दूर करने के लिए ही प्रभु का स्मरण करते हैं।

उस दिन भगवान श्रीराम का अपने गर्भगृह में प्रतिष्ठित होने का मतलब है फिर से रामराज की शुरुवात, फिर से भारत को विश्व गुरु पद पर प्रतिष्ठित करना। इस दिन प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा से निश्चित देश एक बार फिर से रामराज के स्वरूप में आएगा सिर्फ भारत विश्व गुरु बनेगा। त्रेता युग में प्रभु राम 14 साल वनवास रहे थे, लेकिन इसमें लगभग 500 वर्षों तक प्रभु श्रीराम ने टेंट में समय बिताया है और राम भक्तों की पीढ़ियों ने संघर्ष किया है। इसलिए उस रामराज से भी यह रामराज अच्छा होगा।