Edited By Umakant yadav,Updated: 07 Feb, 2021 02:27 PM
ष्णव संप्रदाय से आए निर्वाणी अखाड़े के कपिल देव दास महाराज इस समय माघ मेले में चर्चा का विषय बने हुए हैं। पशु प्रेम के चलते उन्होंने अपने आश्रम में खरगोश पाल रखे हैं। आश्रम में चारों तरफ खरगोश ही खरगोश दिखते हैं। महाराज ने 12 से अधिक खरगोशों को पाल...
प्रयागराज: संगम की रेती पर इन दिनों माघ मेला चल रहा है। मेले में साधु संतों के अनोखे रंग देखने को मिल रहे है और लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसी कड़ी में चित्रकुट से आए कपिलदेव महाराज अपने अनोखे शौक के लिए चर्चा का विषय बने हुए हैं। कपिल देव दास महाराज को खरगोशों को पालने का शौक है और पिछले 8 से 10 सालों से खरगोश पाल रखे है। श्रद्धालु अब इन्हें खरगोशों वाले बाबा भी कहने लगे हैं और इनके शिविर में आकर श्रद्धालु बाबा का आशीर्वाद तो ले ही रहे हैं साथ ही साथ खरगोशों से खेलते हुए नजर भी आ रहे हैं।
बता दें कि वैष्णव संप्रदाय से आए निर्वाणी अखाड़े के कपिल देव दास महाराज इस समय माघ मेले में चर्चा का विषय बने हुए हैं। पशु प्रेम के चलते उन्होंने अपने आश्रम में खरगोश पाल रखे हैं। आश्रम में चारों तरफ खरगोश ही खरगोश दिखते हैं। महाराज ने 12 से अधिक खरगोशों को पाल कर रखा हुआ है। चित्रकूट के मां तारा आश्रम के महामंडलेश्वर कपिल देवदास नागा सन्यासी हैं। वो जहां बैठते हैं, उनके आसन के चारों ओर खरगोश ही नजर आते हैं। इससे पहले कपिल बाबा सांप और बंदर भी पाल चुके हैं। महाराज का कहना है कि 10 वर्षों से इनके आश्रम में खरगोश पाले जा रहे हैं।
महाराज के इस काम में इनकी बेटी योगाचार्य राधिका वैष्णव अहम भूमिका निभाती है। राधिका का कहना है कि इन खरगोशों को सब कुछ खिलाया जाता है। इनको फास्ट फूड, मोमोज, चाऊमीन खासतौर पर पसंद है। बाबा का कहना है कि श्वेत रंग शांति और एकाग्रता का प्रतीक है। इन खरगोशों का रंग भी वही है इसलिए उनके पास रहने से मन को शांति मिलती है। महाराज के शिविर में जो भी आता है वह बिना खरगोश को गोद में लिए नहीं रह पाता है। खरगोशों की खास बात यह है कि वह किसी को भी काटते नहीं है बल्कि चाहे आश्रम के लोग हो या फिर कोई अन्य श्रद्धालु सभी के साथ खेलते हुए नजर आते हैं। पंजाब केसरी के संवदाता सैय्यद आकिब रज़ा ने शिविर का जायज़ा लिया और खरगोश वाले महाराज कपिल देव दास जी और श्रद्धालुओं से बात की।