विकास दुबे कांड : जयकांत बाजपेयी की संपत्ति की जांच आयकर विभाग और ईडी से कराने का अनुरोध

Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Jul, 2020 12:50 AM

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लखनऊ, 27 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने कथित मुठभेड़ में मारे गए कख्यात अपराधी विकास दुबे का करीबी सहयोगी जयकांत बाजपेई द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति की जांच आयकर विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराये जाने का अनुरोध किया...

लखनऊ, 27 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने कथित मुठभेड़ में मारे गए कख्यात अपराधी विकास दुबे का करीबी सहयोगी जयकांत बाजपेई द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति की जांच आयकर विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराये जाने का अनुरोध किया है।
जयकांत मारे गये कुख्यात अपराधी विकास दुबे का खास सहयोगी और खजांची माना जाता था।
गृह विभाग के प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए एक बयान में बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, कानपुर नगर की रिपोर्ट में थाना चौबेपुर के अभियुक्त जयकांत बाजपेई द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति के प्रकरण को प्रथम दृष्टया सत्य प्रतीत होना बताते हुए उक्त एजेंसियों से जांच कराने का अनुरोध शासन से किया गया है।
प्रदेश के गृह विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में मुख्य आयकर आयुक्त, आयकर विभाग, लखनऊ तथा संयुक्त निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय, लखनऊ से अभियुक्त जयकान्त बाजपेई की सम्पत्ति की विस्तृत जांच कराते हुए कृत कार्यवाही से प्रदेश सरकार को भी अवगत कराये जाने का अनुरोध किया गया है।
बाजपेयी और दुबे के एक अन्य सहयोगी प्रशांत कुमार को बिकरू में दो-तीन जुलाई की रात हुई मुठभेड़ में कथित रूप से संल्पित पाया गया था। इस मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी मारे गये थे।
पिछले सोमवार 20 जुलाई को पुलिस द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक जयकांत को आपराधिक साजिश और विकास दुबे को बिकरू मुठभेड़ से पहले दो लाख रूपये और रिवाल्वर के 25 कारतूस दिये थे।
बयान के मुताबिक विवेचना में पाया गया कि जयकांत बाजपेयी और उसके दोस्त प्रकाश शुक्ला ने घटना के पूर्व कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घटना कारित करने के षडयंत्र में संल्पित रह कर मदद की। एक जुलाई को विकास दुबे ने जयकांत बाजपेयी को फोन किया तथा बाजपेयी अपने साथी प्रशांत शुक्ला के साथ दो जुलाई को बिकरू गांव पहुंचकर विकास दुबे को दो लाख रूपये नकद व रिवाल्वर के 25 कारतूस देकर घटना कारित करने में सहायता की।
पुलिस ने बयान में आगे बताया था कि योजना के मुताबिक बाजपेयी और उसके साथी ने विकास दुबे व उसके गिरोह को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिये तीन लग्जरी गाड़ियों को चार जुलाई को लेकर जा रहा था कि पुलिस सक्रियता के चलते तीनो गाड़ियों को काकादेव थाने में छोड़ गया था।
बयान के मुताबिक सोमवार को पुष्टि कारक साक्ष्य उपलब्ध होने के फलस्वरूप दोनो को विभिन्न आपराधिक धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया है।
अभियुक्त जयकांत बाजपेयी के द्वारा लाइसेंस प्राप्त कारतूसों को विकास दुबे गिरोह को दिये गये इसके फलस्वरूप बाजपेयी पर शस्त्र कानून का अभियोग भी पंजीकृत किया गया है।


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