Edited By Umakant yadav,Updated: 27 Apr, 2020 12:24 PM
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने हाहाकार मचा दिया है। इसमें सबसे अधिक मौत और मरीजों की संख्या जनपद आगरा में है। यहां फैलते संक्रमण को रोकने के लिए बनाए गए मॉडल की पहले तो देशभर...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने हाहाकार मचा दिया है। इससे प्रदेश में सबसे अधिक मौत और मरीजों की संख्या जनपद आगरा में है। यहां फैलते संक्रमण को रोकने के लिए बनाए गए मॉडल की पहले तो देशभर में चर्चा हुई, इसके बावजूद यहां संक्रमण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। रोज यहां नए मामले मिलते जा रहे हैं। आगरा में अब तक 373 मरीज कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं जबकि 11 लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ा है। यहीं कारण है कि आगरा मॉडल पर विपक्ष लगातार सवाल उठाने लगे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद अब यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आगरा मॉडल पर सवाल खड़े किए हैं।
बता दें कि सोमवार को अखिलेश यादव ने सवाल करते हुए ट्वीट किया कि, “मुख्यमंत्री द्वारा बहुप्रचारित कोरोना से लड़ने का 'आगरा मॉडल’ मेयर के अनुसार फ़ेल होकर आगरा को वुहान बना देगा। न जाँच, न दवाई, न अन्य बीमारियों के लिए सरकारी या प्राइवेट अस्पताल, न जीवन रक्षक किट और उस पर क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की बदहाली प्राणांतक साबित हो रही है। जागो सरकार जागो!”
प्रियंका वाड्रा ने किए थे ये ट्वीट-
मेयर ने प्रशासन की कार्यशैली पर उठाए थे सवाल
गौरतलब हो कि 21 अप्रैल को आगरा के मेयर नवीन जैन ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर जिले की हालत पर चिंता जताई थी। मेयर ने लिखा था कि आगरा में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यदि उचित प्रबंधन नहीं हुआ तो आगरा देश का वुहान बन सकता है। उन्होंने जिला प्रशासन की कार्य शैली पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने पत्र में कहा है कि स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में असफल साबित हुआ है। उनका आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा शहर में बनाए गए हॉटस्पॉट और क्वारंटाइन सेंटर में कई-कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को छोड़कर किसी अन्य मरीज का इलाज भी नहीं किया जा रहा है। जिससे समस्सा और भी बढ़ रही है।