प्रयागराजः बाजारों की रौनक बढ़ा रही मानसिक विक्षिप्त बच्चों द्वारा बनाई गई मोमबत्तियां

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Oct, 2019 01:56 PM

prayagraj candles made by mentally deranged children adding

पूरे देश मे दीपावली की तैयारियां जोरों पर है। बाजार मार्केट सभी लाइट, झालर, मोमबत्तियां और तरह-तरह के सामानों से सुसज्जित है, लेकिन प्रयागराज की दिवाली इस बार बेहद खास और अहम है। जो त्योहार के साथ ही लोगों के बीच एक प्रेरणा का कार्य कर रही है...

प्रयागराजः पूरे देश मे दीपावली की तैयारियां जोरों पर है। बाजार मार्केट सभी लाइट, झालर, मोमबत्तियां और तरह-तरह के सामानों से सुसज्जित है, लेकिन प्रयागराज की दिवाली इस बार बेहद खास और अहम है। जो त्योहार के साथ ही लोगों के बीच एक प्रेरणा का कार्य कर रही है।
PunjabKesari
मानसिक मंदित बच्चों ने बनाई मोमबत्तियां
प्रयागराज में इस बार दीपावली को खास और अहम बनाने के लिए मानसिक मंदित बच्चों द्वारा मोमबत्तियां बनाई गई है। जो बाजारों की रौनक बढ़ाए हुए हैं, इसमें कई तरह फूलों और कई अन्य चीजों की तरह मोमबत्तियां डिजाइन की गई है। जो हर किसी को भी आश्चर्यचकित कर दे रहा कि ये बच्चे कैसे इतनी अच्छी मोमबत्तियां तैयार कर रहे हैं।
PunjabKesari
मोमबत्तियों खूब पसंद कर रहे लोग
दिमागी तौर से विक्षिप्त ये बच्चों कई दिन से इन मोमबत्तियों को बना रहे थे। इन बच्चों द्वारा बनाई गई मोमबत्तियों को लोग खूब पसंद भी कर रहे हैं। मंहगाई को ध्यान में रखते हुए इन मोमबत्तियों की कीमत 2 रुपए से 15 रुपए तक की है।
PunjabKesari
विद्यालय के शिक्षकों द्वारा जिला प्रशासन से विशेष आग्रह करने के बाद इन विक्षिप्त बच्चों के द्वारा बनाई गई। मोमबत्तियों की बिक्री के लिए सांस्कृतिक केंद्र में एक स्टाल भी दिया गया है। जहां इनकी कला की लोग जमकर तारीफ कर रहे है।
PunjabKesari
बाजारों की शोभा बढ़ा रही मोमबत्तियां
इन बच्चों द्वारा बनाई जा रही मोमबत्तियों की जनकारी लेने के लिए हमारी टीम प्रयागराज के कौडिहार क्षेत्र के राजकीय ममता मांसिक मंदित विद्यालय पहुंची। वहां पर हैरान कर देने वाली तस्वीर देखने को मिली, वहां मानसिक मंदित बच्चे मोमबत्तियां तैयार कर रहे थे।
PunjabKesari
हमने देखा कि ये सभी बच्चे मोम को पिघला कर धागे की कटाई कर रहे और एक सांचे की सहायता से इन मोमबत्तियों को तैयार कर रहे थे और ये वही मोमबत्तियां थी जो यहां के बाजारों की शोभा बढ़ा रही हैं।
PunjabKesari
खुद दिव्यांग हैं बच्चों को सिखाने वाले शिक्षक
विद्यालय के शिक्षक नारायण यादव से हुई जो खुद दोनों हांथ न होने से दिव्यांग(विकलांग) है। उन्होंने बताया कि शुरू में थोड़ा सीखने में इन बच्चों को परेशानी जरूर हुई, लेकिन फिर इन्होंने इसे पूरी तरीके से सीख लिया और देखिये ये ही इसे बना रहे और ये मोमबत्तियां यहां के अलग अलग बाजारों में पहुंची है।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!