Edited By Ramkesh,Updated: 25 Dec, 2024 12:41 PM
महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज को जहां दुल्हन की तरह से सजाया जा रहा है। वहीं हमीरपुर की दीवारों में भी विभिन्न प्रकार की वाल पेंटिंग करके लोगों को महाकुंभ का दीदार कराने का प्रयास किया जा रहा है। दीवारों पर बनाई गई तस्वीरें महाकुंभ की महत्ता को...
हमीरपुर ( रवींद्र सिंह): महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज को जहां दुल्हन की तरह से सजाया जा रहा है। वहीं हमीरपुर की दीवारों में भी विभिन्न प्रकार की वाल पेंटिंग करके लोगों को महाकुंभ का दीदार कराने का प्रयास किया जा रहा है। दीवारों पर बनाई गई तस्वीरें महाकुंभ की महत्ता को बयां कर रही हैं। यह तस्वीर लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
आपको बता दे कि इस वर्ष प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को लेकर कुछ अलग ही इंतजाम किए जा रहे हैं। देश क्या बल्कि विदेश में भी महाकुंभ को लेकर वाल पेंटिंग कराई जा रही है। ताकि लोगों को महाकुंभ की महत्ता के बारे में पता चले। इसी के मद्देनजर हमीरपुर में भी पूरे जोर शोर से महाकुंभ को लेकर शहर को सजाने संवारने का काम किया जा रहा है। शहर के मुख्य मार्ग के अगल बगल की दीवारों में महाकुंभ की तस्वीरें तैयार की जा रही हैं। महाकुंभ की महत्ता को बयां कर रही हैं। इतना ही नहीं इन तस्वीरों को देखकर लोग अपने आप ठिठक जा रहे हैं और एकटक तस्वीरों को निहारते नजर आ रहे हैं। यह तस्वीरें शहर में लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के संतों ने मस्जिदों और दरगाहों को मंदिर बताकर उनका सर्वे कराये जाने के ताजा सिलसिले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की तल्ख टिप्पणी पर मिली-जुली राय व्यक्त की है। कुछ लोग जहां मंदिरों को फिर से अपने अधिकार में लेने के पक्ष में हैं, वहीं अन्य का मानना है कि ऐसे मुद्दों को संवैधानिक ढांचे के भीतर ही सुलझाया जाना चाहिए। भागवत ने हाल में चिंता व्यक्त की थी कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग धार्मिक स्थलों पर नए विवाद उठाकर खुद को “हिंदुओं के नेता” के रूप में उभारने का प्रयास कर रहे हैं।