Edited By Pooja Gill,Updated: 28 Jun, 2024 09:27 AM

Mayawati News: समाजवादी पार्टी द्वारा संसद में लगे सेंगोल का विरोध और इस पर टिप्पणी करने पर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने कहा कि सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं...
Mayawati News: समाजवादी पार्टी द्वारा संसद में लगे सेंगोल का विरोध और इस पर टिप्पणी करने पर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने कहा कि सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने से बेहतर होता कि पार्टी आम जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरती।
जनता के मुद्दों पर सरकार को घेरती सपाः मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि '' सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती।''
इस पार्टी के सभी हथकंडों से जरूर सावधान रहेंः मायावती
इसी तरह एक अन्य पोस्ट में भी मायावती ने लिखा कि ''जबकि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरूद्ध फैसले भी लेती है। इनके महापुरूषों की भी अपेक्षा करती है। इस पार्टी के सभी हथकण्डों से जरूर सावधान रहें।
सपा ने की थी सेंगोल को हटाए जाने की मांग
बता दें कि समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी के एक बयान ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। उन्होंने संसद में लगे सेंगोल का विरोध किया है। सांसद ने कहा कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो इसे संसद से हटा दें और हम बड़ी मजबूती से सेंगोल का विरोध करेंगे। चौधरी ने कहा कि सेंगोल का मतलब है 'राजा का डंडा'। जब राजतंत्र था तो राजा किसी मामले पर फैसला सुनाता था तो वह छड़ी पीटता था। अब देश संविधान से चलेगा न कि राजतंत्र से चलेगा। उन्होंने का कि लोकसभा में स्पीकर साहब ने कहा कि कांग्रेस के समय में लगा इमरजेंसी को भूले नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां तक सेंगोल का मुद्दा है उस का हम विरोध करेंगे, मेरा मानना है कि लोकतंत्र को बचाना है तो इसे संसद से हटाना होगा। आरके चौधरी ने कहा कि, "संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है। इसे लेकर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी भी लिख कर सेंगोल को हटाए जाने की मांग की है।