Edited By Pooja Gill,Updated: 11 Oct, 2024 01:04 PM
Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जेपी की मूर्ति लेकर अपने घर से बाहर निकले। उन्होंने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जयप्रकाश नारायण को याद किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार...
Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जेपी की मूर्ति लेकर अपने घर से बाहर निकले। उन्होंने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जयप्रकाश नारायण को याद किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ‘समाजवादियों' को जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने से रोक रही है। उन्होंने कहा कि अगर त्योहार का दिन न होता तो बांस के लगाए गए अवरोधक समाजवादियों को रोक नहीं पाते। वहीं, अखिलेश ने नीतीश कुमार से राजग से समर्थन वापस लेने को कहा है।
नीतीश कुमार लें समर्थन वापसः अखिलेश
अखिलेश यादव ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार JPNIC को बेचना चाहती है। पहले भी हमें माल्यार्पण करने से रोका गया था। योगी लोकनायक का इतिहास नहीं जानते। हमें श्रद्धांजलि देने से रोका गया। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी सरकार हर अच्छे काम को रोकती है। यह गूंगी बहरी सरकार है और यह विकास नहीं विनाश करने में माहिर है। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से निकलने वाले कई नेता आज एनडीए गठबंधन में हैं। उन सभी नेताओं को यह पूरा प्रकरण समझना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि वे केंद्र में भाजपा सरकार को अपना समर्थन वापस लें।
BJP का हर काम नकारात्मक का प्रतीक हैः अखिलेश
इससे पहले सपा प्रमुख ने एक्स पर कहा, ''भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने श्रद्धांजलि के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने PDA के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने सौहार्द के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने अमन-चैन के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने संविधान के रास्ते रोके हैं। भाजपाई हमेशा स्वतंत्रता-सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के विरोधी रहे हैं। रास्ते रोकना इन्होंने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ रहने और दबे-छुपे उनका साथ देने से सीखा है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!''
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