Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Mar, 2023 12:40 PM

चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) बुधवार से शुरू हो गए हैं। इस बार 9 दिन के नवरात्र हैं। नौका पर सवार होकर आ रही मां गज पर सवार होकर विदा होंगी। नवरात्रि पर शहर के देवी मंदिरों (Tapeshwari Devi Temple) में भक्तों (Devotees) का जनसैलाब....
कानपुर(अंबरीश त्रिपाठी): चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) बुधवार से शुरू हो गए हैं। इस बार 9 दिन के नवरात्र हैं। नौका पर सवार होकर आ रही मां गज पर सवार होकर विदा होंगी। नवरात्रि पर शहर के देवी मंदिरों (Tapeshwari Devi Temple) में भक्तों (Devotees) का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। कानपुर (Kanpur) के तपेश्वरी देवी मंदिर में लोग माता की पूजा अर्चना करने के लिए पहुंच रहे हैं। तपेश्वरी देवी मंदिर (Tapeshwari Devi Temple) की मान्यता है कि यहां मां की अखंड ज्योति जलाने वाले भक्तों (Devotees) की हर मनोकामना पूर्ण होती है। यहां पर बच्चों का मुंडन (Tonsure) संस्कार किया जाता है और मां के दर्शन करने से संतान (Children) सुख मिलता है।
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माता सीता ने यहीं करवाया था लव कुश का मुंडन व कर्ण छेदन
सूत्रों के मुताबिक, मंदिर के पुजारी पंडित शिवमंगल ने बताया कि जब लंका पर विजय प्राप्त करके प्रभु राम अयोध्या पहुंचे थे तो धोबी के ताना मारने पर मां सीता को उन्होंने त्याग दिया था। तब लक्ष्मण ने मां सीता को ब्रह्मावर्त स्थित वाल्मीकि आश्रम के पास छोड़ दिया था। यही स्थान वर्तमान में तपेश्वरी माता मंदिर का स्थान है। माता सीता ने यहां पर पुत्र कामना के लिए व्रत किया था और उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई थी। माता सीता ने लव कुश का मुंडन व कर्ण छेदन यही करवाया था, इसलिए तपेश्वरी मंदिर मुंडन संस्कार के लिए प्रसिद्ध है।