साल 2022 मुलायम परिवार के लिए कैसे रहा दु:ख भरा, जानिए 5 पैराग्राफ में

Edited By Imran,Updated: 11 Oct, 2022 01:21 PM

how the year 2022 was sad for mulayam family know in 5 paragraphs

लखनऊ: 10 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का गुरूग्राम के मेदांता में सुबह में निधन हो गया। उनके निधन की बात जब आई तो लोगों ने दबे स्वर में कहना शुरू कर दिया।

लखनऊ: 10 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का गुरूग्राम के मेदांता में सुबह में निधन हो गया। उनके निधन की बात जब आई तो लोगों ने दबे स्वर में कहना शुरू कर दिया कि साल 2022 समाजवादी पार्टी और उसके समर्थकों के लिए दु:ख ही लेकर आया। आईए देखते है 2022 में कैसे यादव परिवार को एक के बाद एक बुरी खबरें ही मिली।

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2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा की हार

साल के शुरुआत में जब चुनाव आयोग ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर नोटिफिकेशन निकाला तो सपा प्रमुख के साथ ही सपा के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। सपा के नेता से लेकर कार्यकर्ता सभी यूपी में सरकार बनाने के सपने देखने लगें। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी को जिताने के  लिए कोई कसर नहीं छोड़ा। जिस चाचा से अनबन के बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। उन्हें भी मनाया गठबंधन के नेताओं को खुश करने के लिए जरूरत से ज्यादा सीटें दी। बागियों को मनाने का जिम्मा खुद उठाया। पार्टी के लिए दिन रात मेहनत करने के बाद भी जब 10 मार्च को नतीजे आए तो सपा सरकार नहीं बना पाई। बेशक उनके सीटों की संख्या 100 के पार हो गई।

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2022 में ही लोकसभा का उपचुनाव हारा

सपा मुखिया अखिलेश यादव का करहल और आजम खान का रामपुर की सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने और जीतने की वजह से आजमगढ़ और रामपुर की लोकसभा सीट से सांसद के पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद इन दोनों जिलों में हुए लोकसभा के उपचुनाव में  सपा का गढ़ होने के बावजूद सपा के उम्मीदवारों की हार हुई। सत्ता रूढ भाजपा ने सपा के इन दोनों मजबूत किलों को आसानी से जीत लिया।

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विधानसभा के बाद विधान परिषद में सपा हारी, साथ ही सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी गई

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 36 सीटों पर हुए MLC चुनाव में भाजपा ने 33 सीटें जीती। 2 सीट निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में गई। एक सीट जनसत्ता दल को मिली। इसके साथ ही यूपी की राजनीति में भाजपा ने पहली बार विधान परिषद में बहुमत हासिल किया। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए न्यूनतम 10 सीटें जरूरी हैं। 6 जुलाई में विधान परिषद में सपा के सिर्फ 5 सदस्य बचे। जुलाई में विधानसभा कोटे की 13 सीटें खाली हुई। इसके लिए जून में चुनाव हुआ। एक सीट के लिए 31 विधायकों के वोट जरूरत थी। सपा और सहयोगी दलों की विधानसभा में सदस्य संख्या 125 थे। संख्या बल के हिसाब से समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दल मिलकर 4 सीटें ही जीत सकें। ऐसे में सपा के सदस्यों की संख्या 9 हो गई। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छिन गई, क्योंकि उसके लिए सपा को 10 सीटों की  जरूरत थी।

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9 जुलाई को मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी का निधन

आपको बता दे की इसी साल 2022 के जुलाई महीने में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी और भाजपा नेत्री अपर्णा बिष्ट यादव की सास साधना गुप्ता का गुरूग्राम के ही मेदांता अस्पताल में  निधन हो गया है। बताया गया कि उनके फेफड़ों में इंफेक्शन की शिकायत थी। साथ ही उन्हें शुगर सहित कई अन्य बीमारियां थी। पत्नी के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव टूट गए थे।

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10 अक्टूबर 2022 को दुनिया को अलविदा कहा 

अभी इन सभी चीजों से सपा के नेता-कार्यकर्ता उबर ही रहे थे कि कल यानी 10 अक्टूबर 2022 को उनके नेता और सपा संरक्षक का मेदांता अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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