Edited By Purnima Singh,Updated: 01 May, 2025 02:39 PM

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पांच वर्षीय बच्ची मंगलवार देर शाम दुकान से टॉफी खरीदने गई थी। रास्ते में वीरपाल नामक युवक उसे बहाने से सुनसान जगह ले गया.......
पीलीभीत : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पांच वर्षीय बच्ची मंगलवार देर शाम दुकान से टॉफी खरीदने गई थी। रास्ते में वीरपाल नामक युवक उसे बहाने से सुनसान जगह ले गया। जहां वीरपाल ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची रोती-चीखती और छटपटाती रही, लेकिन आरोपी के चंगुल से निकल नहीं सकी। उसकी हालत बिगड़ने पर आरोपित वहां से भाग निकला। आरोपी वीरपाल की गिरफ्तारी के लिए एसपी अभिषेक यादव ने चार टीमें गठित की हैं।
पुलिस ने 30 किमी की दूरी तय कराने के बाद दर्ज की एफआईआर
लहुलुहान हालत में बच्ची घटनास्थल पर पड़ी रो रही थी। जिसे देखकर कुछ राहगीरों ने उसके घरवालों को सूचित किया। घरवाले तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। पिता ने बताया कि रात आठ बजे पुलिस को मामले की सूचना दी गई। जिसपर पुलिस ने कहा कि पीड़िता को थाने लेकर जाना होगा। 30 किमी की दूरी तय करने के बाद न्यूरिया थाने पहुंचकर पीड़ित घरवालों ने घटनाक्रम बताया। तब जाकर आरोपी वीरपाल के खिलाफ पॉक्सो, दुष्कर्म, धमकाने आदि धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।
बच्ची को भर्ती कर दीं गईं दर्द निवारक गोलियां
जिसके बाद घरवाले पुलिसकर्मियों के साथ बच्ची को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। मेडिकल का हवाला देकर परिजनों को बच्ची के साथ अस्पताल में बैठा दिया गया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि एक घंटे भटकने के बाद भी कोई कर्मचारी बताने को तैयार नहीं था कि डॉक्टर कब मिलेंगे। पुलिस ने बताया कि उनसे कहा गया था कि डॉ. स्वाति श्रीवास्तव मेडिकल करेंगी। हालांकि वह कमरे में नहीं मिलीं। पीड़ित बच्ची के परिजनों द्वारा बार-बार टोकने पर उसे वार्ड में भर्ती कर दर्द निवारक गोलियां दीं गईं। स्टाफ ने कहा कि मेडिकल होने के बाद ही अन्य उपचार होगा।
11 घंटे दर्द में बिताने के बाद हुआ बच्ची का मेडिकल
पीड़िता के पिता के मुताबिक, बच्ची का खून बह जाने के कारण उसकी हालत बिगड़ रही थी, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। बुधवार सुबह होते ही सीएमओ और सीएमएस कार्यालय के चक्कर लगाने शुरू किए। दोपहर को पुलिस अधीक्षक के आने पर उन्हें पूरा मामला बताया गया। उन्होंने जिलाधिकारी को प्रकरण की जानकारी दी। इसके बाद दोपहर एक बजे बरखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से बुलाई गईं डॉ. मनीषा ने पीड़ित बच्ची का मेडिकल किया। बता दें कि मंगलवार रात से बुधवार दोपहर तक, बच्ची 11 घंटे इसी दर्द में बीते। इसके बाद पीड़ित का मेडिकल हो सका।
सीएमएस ने नोटिस जारी कर झाड़ा पल्ला
पूरे घटनाक्रम के बाद सीएमएस डॉ. राजेश कुमार ने बुधवार को एक नोटिस जारी कर डॉ. स्वाति श्रीवास्तव से सवाल पूछा कि मंगलवार रात ड्यूटी से क्यों अनुपस्थित थीं? सीएमएस ने आगे कहा कि उनका जवाब आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ ने सीएमएस पर टाला
वहीं इस मामले में सीएमओ डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल और इसी परिसर के मेडिकल कॉलेज में छह महिला चिकित्सक हैं। मेडिकल के लिए डॉ. स्वाति की ड्यूटी तय थी। उनकी अनुपस्थिति की जानकारी होने पर सीएमएस को मामले को गंभीरता से देखने के लिए कहा था। फिर मैं वीआईपी ड्यूटी में चला गया था।