Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Mar, 2021 12:16 PM
प्राचीन काल से चली आ रही ऐतिहासिक हनुमानगढ़ी में रंगभरी एकादशी की परंपरा इस बार और चटक हो गई। जिसमें 5 अगस्त को हुए भूमि पूजन के बाद श्री राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण की खुशी के साथ नागा साधु इस बार की रंगभरी एकादशी को और भी...
अयोध्या: प्राचीन काल से चली आ रही ऐतिहासिक हनुमानगढ़ी में रंगभरी एकादशी की परंपरा इस बार और चटक हो गई। जिसमें 5 अगस्त को हुए भूमि पूजन के बाद श्री राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण की खुशी के साथ नागा साधु इस बार की रंगभरी एकादशी को और भी उत्साहित ढंग से मना रहे हैं। नागा साधुओं का मानना है कि हनुमान जी के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण ने रंगभरी एकादशी का उत्साह स्वाभाविक ढंग से बढ़ा दिया है।
इसलिए आज अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर से आनंदित नागा साधुओं ने हनुमानगढ़ी के प्रतीक चिन्ह को लेकर और आपस में होली खेलते हुए रंगभरी एकादशी का शुभारंभ किया। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी स्वयं लाल रंग के हैं और उन पर कई रंगों की मालाएं चढ़ाई जाती है। हरे रंग का तुलसीदल चढ़ाया जाता है। नागा साधुओं की रंगभरी एकादशी मैं अयोध्या के साधु-संतों सहित श्रद्धालु भी सम्मिलित होते हैं और हनुमानगढ़ी से निकलने के बाद यह 5 कोस की परिक्रमा करते हुए रास्ते में पड़ने वाले सभी मंदिरों में पूजा पाठ और रंग खेलते हुए वापस लौटकर हनुमानगढ़ी में समापन करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि आज ही के दिन से अयोध्या में होली की शुरुआत मानी जाती है।