अयोध्या में हार के बाद बैकफुट आई सरकार, फ्लाईओवर के प्रस्ताव को किया कैंसिल

Edited By Ramkesh,Updated: 24 Jun, 2024 07:42 PM

government on backfoot after defeat in ayodhya cancelled proposal of flyover

फैजाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी (अयोध्या) की हार संगठन के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसे लेकर योगी सरकार, पार्टी के स्थानीय नेता और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल, पार्टी जिस मुद्दे को लेकर देश में चुनाव जीतने का दावा कर...

अयोध्या: फैजाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी (अयोध्या) की हार संगठन के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसे लेकर योगी सरकार, पार्टी के स्थानीय नेता और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल, पार्टी जिस मुद्दे को लेकर देश में चुनाव जीतने का दावा कर रही थी वहीं पर उसे करारी हार का सामना करना पड़ा। इसे लेकर काफी मंथन के बाद सरकार ने अयोध्या में हो रहे विकास कार्य में बड़े बदलाव कर दिए हैं।

एयरो सिटी पर रोक
एयरो सिटी बनाने की जिम्मेदारी अयोध्या विकास प्राधिकरण के पास थी। आवासीय कॉलोनी के लिए 150 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना था। बीकापुर के 7-8 गांव के किसान इसका विरोध कर रहे थे। चुनाव में भाजपा की हार के बाद 20 जून को अयोध्या विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक हुई। इसमें प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया।

 शहर में एंट्री कर सकेंगे अयोध्या के लोग
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के 6 महीने बाद अयोध्या के लोगों को बड़ी राहत दी गई। अयोध्या के वाहनों (UP-42) को शहर में प्रवेश करने से अब नहीं रोका जाएगा। यह निर्णय नगर निगम और पुलिस ने संयुक्त रूप से लिया है।

 फ्लाई ओवर का प्रस्ताव कैंसिल
आवास विकास प्राधिकरण की ओर से 264.26 करोड़ रुपए से 6 किमी लंबा फ्लाईओवर बनाया जाना था। इसमें अब बदलाव कर दिया गया है। लखनऊ में हुई बोर्ड की बैठक में 3 नए अंडरपास बनाने का निर्णय लिया गया है।

 विस्थापित दुकानदारों को 30% छूट देकर, बिना ब्याज दुकानों का आवंटन
राम मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या में सौंदर्यीकरण के लिए कई दुकानदारों को हटाया गया। 20 जून को विकास प्राधिकरण की बोर्ड की बैठक हुई। इसमें दुकानों की लागत में 30% की कटौती की गई। साथ ही राम पथ और निर्माण में विस्थापित हुए 80 दुकानदारों को चाबी सौंपी गई।

 महंत राजू दास की प्रशासन ने हटाई सुरक्षा
गौरतलब है कि समीक्षा बैठक के दौरान महंत राजू दास ने बैठक के दौरान कथित तौर पर डीएम और एसएसपी के खिलाफ विवादित बयान दिया और अयोध्या में भाजपा की हार के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। सूत्रों के अनुसार राजू दास के आरोप से अधिकारी नाराज हो गए और उनके साथ बैठने से इनकार कर दिया। राजू दास की सुरक्षा हटाए जाने के बारे में पूछे जाने पर अयोध्या के जिलाधिकारी कुमार ने बताया, ‘‘राजू दास के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और हमें शिकायतें मिल रही थीं कि उन्होंने जनता और व्यापारियों को धमकाने के लिए सुरक्षा का दुरुपयोग किया। यह घोर दुरुपयोग है इसलिए सुरक्षा वापस ली गई।''

अधिकारियों को लेकर राजू दास ने दिया विवादित बयान 

जिला प्रशासन के अनुसार राजू दास की सुरक्षा में बंदूकधारी तीन पुलिस कांस्टेबल तैनात थे, जिन्हें तत्काल प्रभाव से शुक्रवार को वापस ले लिया गया। इस बीच, राजू दास ने रविवार को ‘ कहा, ‘‘ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मैंने प्रशासनिक अधिकारियों को चोर और भ्रष्ट कहा था जो कि वे हैं। इसलिए मेरी सुरक्षा वापस ली गई।'' फैजाबाद लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अवधेश प्रसाद ने वर्ष 2014 और 2019 के चुनाव में जीतने वाले लल्लू सिंह को हरा दिया। इस हार के बाद राजू दास ने अयोध्या के लोगों को ‘‘भगवान राम के गद्दार'' कहते हुए कई विवादास्पद बयान दिए और कहा, ‘‘डीएम, एसएसपी सहित सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भ्रष्ट और चोर हैं और बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते।''

 राजू दास ने शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की। योगी के साथ अपनी मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘‘हमने अयोध्या से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की और मैंने उन्हें बताया कि अयोध्या में सरकारी अधिकारी भ्रष्ट हैं और वे बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते।'' राजू दास ने दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ अपनी सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा नहीं की।

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