Edited By Harman Kaur,Updated: 09 Jul, 2023 04:24 PM
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Jalaun News: उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन में समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य इंद्रजीत सिंह यादव का निधन हो गया है। वह 85 साल के थे....
Jalaun News: उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन में समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य इंद्रजीत सिंह यादव का निधन हो गया है। वह 85 साल के थे। पारिवारिक सूत्रों से आज मिली जानकारी के अनुसार सपा नेता इंद्रजीत सिंह यादव ने उरई के सूर्य नगर स्थित अपनी पैतृक आवास पर शनिवार देर रात उनका निधन हो गया। इंद्रजीत सिंह यादव कोरोना के बाद से ही बीमारी से जूझ रहे थे। वह 15 वर्षों तक जालौन जनपद के जिलाध्यक्ष की कमान संभालने वाले बुंदेलखंड के गांधीवादी नेता थे। इस घटना की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।
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15 सालों तक जिलाध्यक्ष पद पर बने रहे इंद्रजीत सिंह
बता दें कि 15 वर्षों तक लगातार जिलाध्यक्ष रहे इंद्रजीत सिंह यादव प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे। वह मुलायम सिंह यादव के बेहद खास माने जाते थे। जब जनता दल बना, तब मुलायम सिंह यादव ने उन्हें 1980 में जनता दल का जिलाध्यक्ष बनाया था और 6 अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन होने के बाद उन्हें संस्थापक सदस्य के साथ-साथ जिलाध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद वह लगातार 15 साल तक समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे। समाजवाद के इस सच्चे सपूत की सरलता और सादगी के जीवंत उदाहरण के रूप में मिसाल दी जाती थी। कोई बूढ़ा हो जवान उन्हे हर कोई ‘‘ भाई साहब'' ही कहकर पुकारता था । भाई साहब के राजनीतिक सफर की बात करें तो सरलता सादगी के प्रतीक इंद्रजीत सिंह यादव वर्ष 1980 तक कांग्रेस कमेटी जालौन के अध्यक्ष रहे।
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पार्टी ने सुरेश पालीवाल को उरई विधानसभा से टिकट दिया तो उनका मन खिन्न हुआ और वह लोकदल का दामन थाम बैठे । फिर उन्होंने कांग्रेस की तरफ मुड़कर नहीं देखा वह समाजवाद की अलख जगाते रहे । मित्रता के मामले मे उनका कोई सानी नहीं रहा । विचारधाराएं चाहें अलग रही पर पूर्व मंत्री स्व चौ शंकर सिंह, स्व़ बाबूराम एमकॉम की जोड़ी साथ रही लेकिन विचारधारा दोस्ती मे कभी आडे नही आयी । वैसे भाई साहब की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं ज्यादा नहीं रही फिर भी पार्टी ने उन्हें जिले मे 15 वर्ष सपा का जिलाध्यक्ष बनाये रखा । भाईसाहब ने उरई को मेडिकल कॉलेज व जोल्हूपुर कदौरा की सड़क का तोहफा दिया । इस उदास मन नेता की इन दोनों मांगों पर सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने कहा था कि तुम अपने लिये कम समाज के लिये ज्यादा मांगी हो सच्चे समाजवादी की मांग हम कैसे टाल सकते है । वह पिरौना इंटर कॉलेज के प्रबंधक अध्यक्ष भी रहे और उन्हीं के कार्यकाल मे कृभको चेयरमैन डॉ चन्द्रपाल सिंह यादव बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं देते रहे।
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इसके अलावा जब मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्हें जल निगम बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इंद्रजीत यादव को बुंदेलखंड का गांधीवादी नेता कहा जाता था। सरल सौम्य होने के कारण विरोधी पार्टी के लोग भी उनका सम्मान करते थे। उनके निधन से समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने गहरा दुख व्याप्त है। उम्मीद है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक भाई साहब को उनकी अंतिम यात्रा में श्रद्धांजलि देने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,महासचिव तथा प्रदेश अध्यक्ष भी आ सकते हैं।