Edited By Pooja Gill,Updated: 19 Mar, 2023 04:28 PM

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) के कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा है कि, सरकार जान बुझ कर उनके अधिकार...
लखनऊ (अनिल सैनी): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) के कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा है कि, सरकार जान बुझ कर उनके अधिकार आरक्षण से उन्हें वंचित कर रही। वहीं, बिजली कर्मियों की हड़ताल पर बोलते हुए अजय कुमार लल्लू ने कहा कि, पूर्व ऊर्जा मंत्री थे उस समय डीएचएलएफ ने सरकार से विद्युत विभाग के कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे को इन्वेस्ट किया। उसमे भारी घोटाला सामने आया था। सीबीआई ने भी चार्जशीट किया वही पुलिस ने भी किया और माना कि बड़ा घोटाला हुआ।

सरकार ने जांच के बाद कहा कि सभी बिजली कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा वापस करेंगे? इस पर अजय कुमार लल्लू का कहना है कि, सवाल करने पर सरकार ने मेरे ऊपर एक साल की सजा और दस हजार मानहानि का दावा किया था। जिसमें न्यायालय द्वारा मुझे सजा दी गई थी। जिस के बाद मेरे अनुरोध पर मुझे जमानत दी। उन्होंने कहा कि आगे इस मामले को उच्च न्यायालय में अपनी याचिका प्रस्तुत करूंगा और न्यायालय से अनुरोध करूंगा कि मुझे न्याय दिया जाएं। उन्होंने कहा कि, मुझे कोर्ट पर विश्वास है।
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बिजली कर्मी दिन रात काम करते है, लेकिन सरकार बिजली कर्मियों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दें रही। मैं और मेरी पार्टी कांग्रेस बिजली कर्मचारियों के साथ है। संयुक्त कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलित है। वही बिजली विभाग के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर अपनी मांग कर रहे है। ऊर्जा मंत्री कर्मचारियों की मांगों से समझौता करते है, लेकिन किसी भी अधिकारी के द्वारा साइन क्यों नहीं किया गया। यह मेरा ऊर्जा मंत्री से सवाल है।
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि 69 हजार शिक्षक के अभ्यर्थी लगातार 2020 से अपनी मांग कर रहे हैं। यूपी सरकार ने एक कमेटी बनाई मगर उन्होंने भी जो रिपोर्ट सौंपी उस पर उन्होंने कहा कि आरक्षण में घोटाला हुआ है। 6800 दलित और पिछड़े वर्ग के जो बच्चे से उनको माना कि इनके साथ अन्याय हुआ है। फिर आया कि उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिला। 13 मार्च को कोर्ट से आदेश आया कि 6800 की नियुक्ति रद्द हो गई, आखिर ऐसी कौन सी वजह है जो नियुक्ति नहीं दी गई। योगी सरकार दलित पिछड़ों का हक मार रही।