Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 Jul, 2024 01:50 PM
Flood Update News LIVE: नेपाल और उत्तराखंड के बांधों से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी ने उत्तर प्रदेश के तराई और मैदानी इलाकों में बाढ़ के रूप में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने से उफनाई...
Flood Update News LIVE: नेपाल और उत्तराखंड के बांधों से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी ने उत्तर प्रदेश के तराई और मैदानी इलाकों में बाढ़ के रूप में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने से उफनाई नदियों की बाढ़ से प्रदेश में 6 जिलों के अनेक गांव प्रभावित हुए हैं।
राहत आयुक्त कार्यालय से सोमवार को प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखण्ड के बनबसा बांध से रविवार रात करीब 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पीलीभीत जिले में शारदा नदी उफान पर है और उसकी बाढ़ का पानी 20 गांवों में घुस गया है। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिये राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम 32 नौकाओं की मदद से काम कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बनबसा बैराज से छोड़े गये पानी से लखीमपुर खीरी में भी बाढ़ का असर दिख रहा है। यहां शारदा नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है। नदी की बाढ़ से दो गांवों के पांच हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। यहां भी एनडीआरएफ की टीम तैनात की गयी है। बलरामपुर और श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रिपोर्ट के अनुसार बलरामपुर में बाढ़ से 26 गांव प्रभावित हैं। बचाव कार्य के लिये राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पीएसी की एक—एक टीम तैनात की गयी है। प्रभावित लोगों के लिये 19 शरणालय बनाये गये हैं।
श्रावस्ती में उफनाई राप्ती नदी की बाढ़ से तीन तहसीलों के 18 गांवों के लगभग 35 हजार लोग प्रभावित हैं। बचाव कार्य के लिये एसडीआरएफ और पीएसी की एक—एक टीम तैनात की गयी है। प्रभावित लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निकालने के लिये छह नौकाओं और नौ मोटरबोट की मदद ली जा रही है।
राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, कुशीनगर में गंडक नदी भी उफान पर है और उसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है। जिले में पांच गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां बाढ़ प्रभावित लोगों को शरण देने के लिये 48 शरणालय बनाये गये हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, शाहजहांपुर में बाढ़ की स्थिति तो नहीं है लेकिन खैतान नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी की वजह से उसके आसपास अस्थायी मकान बनाकर रह रहे आठ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। गोंडा जिले में तीन गांवों में कई हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के अन्य किसी भी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है।
उत्तर प्रदेश में मानसून पिछले करीब एक हफ्ते से एक खासा सक्रिय है और मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान भी राज्य के अनेक हिस्सों में बारिश हुई। अगले 24 घंटों के दौरान भी प्रदेश के अनेक स्थानों पर वर्षा होने का अनुमान है।