Edited By Imran,Updated: 17 Jun, 2023 07:47 PM

Father's Day Special: 18 जून को पिता दिवस मनाया जाता है। हर व्यक्ति की तरह मेरे लिए भी यह बहुत ख़ास है। मैं भी पूरे वर्ष इस दिन का इंतज़ार करती हूँ। इसलिए नहीं कि मेरे पिता की स्मृतियाँ मेरे साथ नहीं रहती हैं, बल्कि इसलिए कि मैं उस दिन उन्हें और भी...
Father's Day Special: 18 जून को पिता दिवस मनाया जाता है। हर व्यक्ति की तरह मेरे लिए भी यह बहुत ख़ास है। मैं भी पूरे वर्ष इस दिन का इंतज़ार करती हूँ। इसलिए नहीं कि मेरे पिता की स्मृतियाँ मेरे साथ नहीं रहती हैं, बल्कि इसलिए कि मैं उस दिन उन्हें और भी अधिक याद करती हूँ, जब सभी के अनुभवों को सुनती हूँ तो और भी उनके करीब हो जाती हूँ। मेरे जीवन की वह कहानियां और भी निकट आ जाती हैं।
वह मुझसे बहुत दूर हैं, इतने दूर कि मैं उन्हें छू नहीं सकती, मगर इतने नज़दीक कि जब चाहूं तब उनसे बात कर सकती हूँ। यह कैसी विरोधाभासी बातें हैं, मगर यही सत्य है। वह शारीरिक रूप से मेरे साथ नहीं हैं, फिर भी आत्मा के स्तर पर वह साथ ही तो हैं। वह कहीं गए नहीं हैं। कहते हैं एक ही तत्व से ब्रह्माण्ड बना है, और वही तत्व हम सभी में है। जब आवश्यकता होती है तो दैहिक रूप से अदृश्य होकर भी वह तत्व के रूप में साथ होता है। ऐसा ही मेरे पिता के साथ है।
मेरे जीवन में कई संकट आए, कई परेशानियां आईं। मगर यह मेरे पिता ही थे जो जब जीवित थे तो भी साथ रहे और उसके बाद भी उनकी सलाहें और मार्गदर्शन हमेशा साथ रहा। ऐसा लगा जैसे अभी भी वह मेरा हाथ पकड़ कर चल रहे हैं। वह मेरा हाथ पकड़कर उसी सहजता से समस्या से बाहर निकाल रहे हैं, जिस सहजता से वह सड़क पार करा देते थे। जीवन का कोई भी क्षण ऐसा नहीं जिसमे वह साथ नहीं हों। मेरे पिता की एक डायरी थी, जो मेरे हाथ में तब लगी जब वह हमें छोड़कर जा चुके थे। मगर सारे पन्ने खाली थे। आखिर वह खालीपन क्यों था। और मैं इसका उत्तर तलाशते हुए, पहुँची अंतिम पन्ने पर। वहां एक तुड़ा ,मुड़ा पन्ना था। जिसमें लिखा था “मुझे पता था कि एक दिन तुम इसकी तलाश में जरूर यहाँ तक आओगी। मैं तुम्हें केवल एक बात बताना चाहता हूं कि तुम दुनिया पर राज करने के लिए पैदा हुई हो और मेरे पास इतना समय नहीं है कि मैं तुम्हें आसमान छूते हुए देख सकूं। मैं तुम्हें दिल से प्यार करता हूं, मेरे सबसे मजबूत बच्चे।
"तुम्हारा पिता!”
पिता को खोना ऐसा होता है जैसे आपके सिर से छाँव हट गयी हो और आप भरी धूप एवं बारिश में अकेले खड़े हों। एक बच्चे के लिए पिता का जाना एक बहुत बड़े झटके के समान होता है। वह भरे संसार में अकेला हो जाता है। आजकल व्यस्तता के युग में पिता के पास समय नहीं होता कि वह अपने बच्चे के साथ समय बिता सके। बच्चों से सप्ताहांत में ही मिलते हैं। ऐसे में वह उस स्नेह से वंचित हो जाते हैं, जो उन्हें मिलना चाहिए। बच्चों के लिए आवश्यक है कि वह अपने पिता के साथ समय बिताएं। पिता की उपस्थिति का अनुभव होना चाहिए।
एक पिता का जीवन तमाम समर्पण से भरा हुआ होता है। और इसे याद रखना चाहिए कि उन्होंने हमारे लिए कितने त्याग किए हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने हमारे चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए अपनी देह और मन दोनों तो गलाया और जलाया है। तो फिर इस साथ का जश्न क्यों नहीं हम मनाते हैं? क्यों नहीं हम पिता के साथ के लम्हों को जीते। आइये जीते हैं, इस पिता दिवस पर पिता के साथ ज़िन्दगी का एक पूरा दिन! इस दिन बस उस छाँव का अहसास, उस मुस्कान का अहसास जो हमारे खुश होने पर उनके चेहरे पर आती है, उस संतुष्टि का अहसास जो हमारे सपने पूरे करके उनकी आँखों में समा जाती है, एक दिन जीवन के उस आकाश के नाम, आइये करते हैं!
अध्यक्ष , पुरुष आयोग
बरखा त्रेहन