Edited By Ajay kumar,Updated: 29 Dec, 2022 04:18 PM

चालघाट पर गंगा किनारे रामनगरिया मेले (Ram Nagariya Mela ) का शुभारंभ छह जनवरी 2023 को होगा। बरेली-इटावा हाईवे पर गंगा नदी पुल (Bridge) की हालत बेहद ही जर्जर होने लगी है। पुल पर जहां बेशुमार गड्ढे हो गए हैं। वहीं सड़क निर्माण पर डाली गई सरिया तक नजर...
Ram Nagariya Mela फर्रुखाबादः चालघाट पर गंगा किनारे रामनगरिया मेले (Ram Nagariya Mela ) का शुभारंभ छह जनवरी 2023 को होगा। बरेली-इटावा हाईवे पर गंगा नदी पुल (Bridge) की हालत बेहद ही जर्जर होने लगी है। पुल पर जहां बेशुमार गड्ढे हो गए हैं। वहीं सड़क निर्माण पर डाली गई सरिया तक नजर आने लगी है। खास बात यह है कि ऐसी खतरनाक स्थिति को भी जिम्मेदार अफसरों ने नजर अंदाज कर दिया है। रामनगरिया मेले में लाखों की संख्या में लोग जान जोखिम में डाल कर निकल रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की आंखें बंद हैं। मेले में किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

माघ महीने में मेला राम नागिया का होता है आयोजन
पांचाल घाट स्थित गंगा तट पर माघ महीने में मेला राम नागिया का आयोजन शुरू होता है। यहाँ पूरे माघ के महीने रहकर साधू संत व माँ के भक्त कल्पवास करते हैं। फर्रुखाबाद में इटावा और बरेली को गंगा के ऊपर से जोड़ने के लिए रामगंगा पुल है। फर्रुखाबाद जनपद के गंगा नदी के तट पर बने बरेली इटावा को जोड़ने बाले एक मात्र पुल की हालत बेहद ही जर्जर है। पुल का निर्माण 1971 में लोहिया सेतु के नाम से किया गया। 50 साल पुराने बने पुल पर सैकड़ों की संख्या में भारी वाहन दिन रात गुजरते हैं। नदी पर बना पुल पुराना और जर्जर होने से वाहन चालकों को बड़ा हादसा होने का डर बना रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि लोक निर्माण विभाग पुल के पास पुल क्षतिग्रस्त होने का बोर्ड लगाकर आंखें मूंदकर बैठा है।

पुल के रखरखाव का जिम्मा सेतु निगम
इस पुल के रखरखाव का जिम्मा सेतु निगम (Setu Nigam) का है। मगर, हकीकत यह है कि अब इस पुल पर आते ही वाहन हिचकोले खाने लगते हैं। रफ्तार एकदम थम सी जाती है। इसकी मुख्य वजह पुल पर बन चुके अनेक गड्ढे हैं। गड्ढों से निकले सरिया के कारण आए दिन टायर भी फटते रहते हैं। कुछ जगहों पर सरिया निकलकर ऊपर आ गए हैं। अगर अनदेखी का यही हाल रहा तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
शीघ्र मरम्मत कार्य नहीं किया गया तो कभी भी घट सकती दुर्घटनाः राहगीर
राहगीरों के अनुसार, इस पुल का निर्माण कई वर्ष पूर्व हुआ था और पुल में बड़े बड़े गड्ढे हो गये हैं और पुल का सरिया कई जगह से टुट चुका है। अगर शीघ्र मरम्मत का कार्य नहीं किया जाता है तो यह गड्ढा कभी भी बड़ा गड्ढा का रूप ले सकता है और गंभीर दुर्घटना घट सकती है। अब ऐसी खतरनाक स्थिति को जिम्मेदार अफसरों ने नजरअंदाज कर दिया है। पुल के ज्यादातर पिलर के जोड़ खुले होने के चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन इसको देखने वाला कोई नहीं है। मेले में आ रहे साधु संतों में पुल की रिपेयरिंग न होने से रोष है।
पुल एनएचआई के अधीन हैः अधिषासी अभियंता पीडब्ल्यूडी
इस मामले को लेकर अधिषासी अभियंता पीडब्ल्यूडी बोध कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फर्रुखाबाद जनपद में पी डब्ल्यू डी के अधीन कुल 60 पुल है। सभी पुल दो खंडों के अधीन हैं सभी का निरीक्षण कर लिया गया है। सभी पुल यातायात हेतु सुरक्षित हैं। जर्जर पुल की बात की गई तो बताया कि ये जो पुल है एनएच को एनएच मार्ग जिक्लेयर हो चुका है। मार्ग और दोनों पुल एनएचआई के अधीन है। पीडब्लू द्वारा सिर्फ जो उनके अधीन है उन्ही का निरीक्षण किया गया है और ये सभी पुलिस सुरक्षित हैं।