Edited By Prashant Tiwari,Updated: 09 Nov, 2022 06:50 PM

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत बाघ अभयारण्य को बुधवार को कर्नाटक से आये चार हाथियों के दल के रूप में एक बड़ी सौगात मिली है।
पीलीभीत : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत बाघ अभयारण्य को बुधवार को कर्नाटक से आये चार हाथियों के दल के रूप में एक बड़ी सौगात मिली है। प्रदेश के वन मंत्री अरुण सक्सेना ने विधिवत पूजा-अर्चना कर हाथियों का स्वागत किया।

पूजा अर्चना कर हाथियों का स्वागत
पीलीभीत बाघ अभयारण्य के उप निदेशक नवीन खंडेलवाल ने बताया कि वह और उनकी टीम आज कर्नाटक से चार हाथियों का एक दल लेकर टाइगर रिजर्व पहुंचा। वन मंत्री अरुण सक्सेना ने पूजा-अर्चना कर हाथियों का स्वागत किया और उन्हें फल खिलाये तथा बाद में उन्हें औपचारिक रूप से अभयारण्य को सौंपा।

वन्य जीवों के बीच टकराव रोकने में करेंगे मदद
वन मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस पर्यटन सत्र की शुरुआत होने से पहले बाघ अभयारण्य में पहुंचे ये हाथी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे। खंडेलवाल ने बताया कि इन सभी हाथियों को पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र में होने वाली मानव एवं वन्य जीवों के बीच टकराव की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए लाया गया है। इन हाथियों की मदद से टाईगर रिजर्व क्षेत्र में गश्त के माध्यम से निगरानी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि जंगल से सटे ग्रामीण इलाक़ो में होने वाली मानव एवं वन्य जीवों के बीच टकराव की घटनाओं को रोकने के साथ-साथ जंगल से बाहर आए बाघों को वापस जंगल के भीतर ले जाने के लिए इन हाथियों से खासी मदद मिलेगी। खंडेलवाल ने बताया कि इन चार हाथियों के दल के रख रखाव और उन्हें निर्देश सिखाने के लिए आठ महावतों को भी पीलीभीत लाया गया है।

कई रेंजो को मिलाकर बना है जंगल रिजर्व
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में कई रेंज को मिलाकर एक खूबसूरत जंगल रिजर्व बनाया गया है। जिसे पीलीभीत टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाता है. इस जंगल में 65 से भी अधिक टाइगर रहते हैं, लेकिन कई बार यह टाइगर आबादी के बीच जा पहुंचते हैं. इसके चलते मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी सामने आती हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हाथी नहीं होने से टाइगर रिजर्व प्रशासन परेशान था. दरअसल टाइगर से जुड़े तमाम ऑपरेशन चलाने के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन को हाथियों की आवश्यकता पड़ती थी.