कानपुर में अधिकारियों के बीच विवाद का हुआ खत्म, सरकार ने CMO को किया निलंबित

Edited By Ramkesh,Updated: 19 Jun, 2025 02:23 PM

dispute between officials in kanpur ends government suspends cmo

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा बड़ा बदलाव सामने आया है। लंबे समय से विवादों में घिरे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी को शासन ने पद से हटा दिया है। उनकी जगह अब श्रावस्ती जनपद में एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा...

कानपुर (प्रांजुल मिश्रा): उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा बड़ा बदलाव सामने आया है। लंबे समय से विवादों में घिरे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी को शासन ने पद से हटा दिया है। उनकी जगह अब श्रावस्ती जनपद में एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी) के पद पर तैनात रहे डॉ. उदयनाथ को कानपुर का नया मुख्य चिकित्सा अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब जिलाधिकारी (DM) जितेंद्र प्रताप सिंह और पूर्व CMO हरिदत्त नेमी के बीच चल रही खींचतान ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावित किया, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी।

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डीएम और सीएमओ की टकराहट बनी सुर्खियां
कानपुर के नए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने पदभार ग्रहण करने के बाद जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति जानने के लिए कई सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इन निरीक्षणों के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आईं, जिनमें प्रमुख रूप से डॉक्टरों और कर्मचारियों की गैरहाजिरी, दवाओं की अनुपलब्धता, खराब साफ-सफाई और रिकॉर्ड में गड़बड़ियां थीं।

कांशीराम ट्रामा सेंटर में डॉक्टर कर्मचारी मिले थे गैरहारजिर
विशेष रूप से कांशीराम ट्रामा सेंटर में 100 से अधिक डॉक्टर और कर्मचारी गैरहाजिर मिले, जिसके बाद डीएम ने उनके वेतन काटने के आदेश दिए। इस कार्रवाई के बाद सीएमओ और डीएम के बीच मतभेद और बढ़ गए। सीएमओ हरिदत्त नेमी ने भी पलटवार करते हुए जिला कारागार और अन्य स्वास्थ्य इकाइयों में डॉक्टरों के ताबड़तोड़ तबादले कर दिए। कुछ तबादले वापस भी लेने पड़े। बावजूद इसके, जब सीएमओ से बार-बार सुधारात्मक कार्रवाई करने को कहा गया, तब भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इससे प्रशासनिक संकट और गहराता गया।

भाजपा दो धड़ों में बंटी, विवाद ने लिया सियासी रंग
इस प्रशासनिक खींचतान का असर सियासी गलियारों में भी देखने को मिला। कानपुर के आधे भाजपा विधायक डीएम के समर्थन में खड़े नजर आए, जबकि आधे विधायक सीएमओ का पक्ष लेते दिखे। दोनों पक्षों द्वारा मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेजे गए, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। यह मामला धीरे-धीरे भाजपा के भीतर ही दो धड़ों में बंटवारे का रूप लेता गया।

डॉ. उदयनाथ से अपेक्षाएं और चुनौतियां
कानपुर के नए सीएमओ के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे डॉ. उदयनाथ, इससे पहले श्रावस्ती में एसीएमओ के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। वे अनुशासनप्रिय और नियमबद्ध कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है।

जिसमें से जिले की चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारना होगा । विभाग में फैली अराजकता और मनमानी पर लगाम लगाना,और डीएम तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना।कानपुर जैसे बड़े और संवेदनशील जिले में CMO पद पर काम करना आसान नहीं होगा, लेकिन यदि डॉ. उदयनाथ प्रशासन के साथ तालमेल बैठाकर पारदर्शी और ठोस कदम उठाते हैं, तो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की नई उम्मीद जाग सकती है।
 

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