यूपी में शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी अनिवार्य, शिक्षक संगठनों ने फैसले का किया विरोध, जताई नाराजगी

Edited By Ramkesh,Updated: 10 Dec, 2025 12:46 PM

digital attendance mandatory for teachers in up attendance to be recorded withi

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की हाजिरी अब डिजिटल माध्यम से दर्ज की जाएगी। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन उपस्थित‍ि लागू करने का आदेश जारी कर दिया है। यह व्यवस्था प्रदेश...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की हाजिरी अब डिजिटल माध्यम से दर्ज की जाएगी। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन उपस्थित‍ि लागू करने का आदेश जारी कर दिया है। यह व्यवस्था प्रदेश के 1.33 लाख विद्यालयों में तैनात करीब 4.50 लाख शिक्षकों पर प्रभाव डालेगी।

निर्धारित समय के बाद सिस्टम हो जाएगा लॉक
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को विद्यालय शुरू होने के एक घंटे के भीतर अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करनी होगी। निर्धारित समय के बाद सिस्टम लॉक हो जाएगा। हालांकि नेटवर्क समस्या होने की स्थिति में हाजिरी ऑफलाइन दर्ज की जाएगी, जो नेटवर्क आने पर स्वतः ऑनलाइन सिंक हो जाएगी। नई प्रणाली के तहत विद्यालय प्रधानाध्यापक उपस्थिति दर्ज करेंगे। यदि किसी कारणवश प्रधानाध्यापक ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो यह जिम्मेदारी किसी अन्य शिक्षक को सौंपी जाएगी।

शिक्षक का पक्ष सुने बिना नहीं होगी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि अनुपस्थिति की स्थिति में शिक्षक को कारण बताओ नोटिस दिए बिना या उसकी बात सुने बिना किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाएगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पूरे फैसले के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

2024 में भी आया था आदेश, विरोध के चलते हुआ स्थगित
जुलाई 2024 में भी डिजिटल हाजिरी लागू करने का आदेश जारी हुआ था, लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के बाद सरकार ने इसे रोक दिया था। उसके बाद एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी, जिसने शिक्षकों की मांगों पर विचार करने की बात कही थी। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

समिति की संस्तुति पर पुनः लागू हुआ आदेश
हाईकोर्ट द्वारा 16 अक्टूबर को उपस्थिति व्यवस्था सुधारने के निर्देश के बाद विभाग ने नई समिति बनाई, जिसमें शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, SCERT, बीएसए, CBSE के पूर्व चेयरमैन और शिक्षक प्रतिनिधि शामिल थे। 6 नवंबर को हुई बैठक के बाद ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया।

शिक्षक नेताओं का विरोध जारी
शिक्षक संगठनों ने फैसले को लागू करने पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जब तक शिक्षकों की पुरानी मांगें—जैसे ईएल-सीएल, आधे दिन का अवकाश, मेडिकल सुविधा, सामूहिक बीमा, गृह जिले में तैनाती और गैर-शैक्षिक कार्यों से मुक्ति—पूरी नहीं होतीं, तब तक डिजिटल उपस्थिति का समर्थन नहीं किया जाएगा।

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