Edited By Ramkesh,Updated: 14 Jul, 2023 06:00 PM

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में पूरे ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक जांच करने की मांग से संबंधित मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद 21 जुलाई के लिए फैसला...
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में पूरे ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक जांच करने की मांग से संबंधित मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद 21 जुलाई के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है। वाराणसी के जनपद न्यायाधीश ए के विश्वेश ने शुक्रवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद 21 जुलाई तक के लिए फैसले को सुरक्षित रख लिया है। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया, ''हमने वजुखाने को छोड़ कर सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक और वैज्ञानिक तरीके से जांच करने की मांग अदालत के समक्ष रखी थी। जिस पर आज अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 21 जुलाई के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया।'
जैन ने बताया कि अपनी दलील में हमने अदालत से कहा कि पूरे ज्ञानवापी का पुरातात्विक जांच के द्वारा ही इस विवाद का हल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ज्ञानवापी परिसर के तीनों गुम्बजों, परिसर के पश्चिमी दीवार सहित पूरे परिसर का मॉडर्न तरीके से जांच करने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकती है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने अदालत के समक्ष ये दलील रखी कि पुरातात्विक सर्वेक्षण से परिसर को नुकसान पहुंच सकता है, जिस पर हमने अदालत के समक्ष परिसर को बिना नुकसान पहुंचाए आधुनिक तरीके से जांच कराने की मांग रखी।