दरियागंज हिंसा: भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 22 Dec, 2019 12:18 PM

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दिल्ली की एक अदालत ने दरियागंज हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं 15 अन्य को अदालत ने दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने उनकी...

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने दरियागंज हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं 15 अन्य को अदालत ने दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस स्तर पर अदालत मानती है कि आरोपी की जमानत के लिए उचित आधार नहीं बनता है। सुनवाई के दौरान आजाद की ओर से महमूद प्राचा और भानु प्रताप सिंह पेश हुए और उन्होंने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि उनके मुवक्किल ने जामा मस्जिद में एकत्र भीड़ को दिल्ली गेट जाने के लिए उकसाया, जहां हिंसा हुई।

उन्होंने कहा कि आजाद को गैरकनूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। वहीं, पुलिस ने गवाहों को धमकाने का अंदेशा जताते हुए जमानत का विरोध किया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनकी न्यायिक हिरासत जरूरी है। अदालत में दोनों पक्षों की दलीलों के बाद जब फैसले का इंतजार किया जा रहा था तब आजाद अदालत कक्ष में बैठे थे और उनके आसपास करीब 15 समर्थक खड़े थे। इससे पहले वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया था कि जांच अधिकारी को आजाद के बारे में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया जाना चाहिए।

इस पर जांच अधिकारी ने बताया कि आजाद को गिरफ्तार किया गया है और कानून के मुताबिक 24 घंटे के भीतर अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। जब आजाद को पुलिस द्वारा सफेद कार से तिहाड़ जेल ले जाया जा रहा था तब उनके समर्थक रावण-रावण के नारे लगा रहे थे। वहीं, दिल्ली पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि आजाद ने जामा मस्जिद में एकत्र भीड़ को भड़काऊ भाषण दिया जिसकी वजह से वह दिल्ली गेट की ओर बढ़ी। इससे पहले शाम को दरियागंज हिंसा के मामले में गिरफ्तार 15 लोगों को भी अदालत ने दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

हालांकि, पुलिस ने अदालत से इन आरोपियों को 15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी। पुलिस ने अदालत से कहा, ‘‘सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। सरकारी कर्मचारियों पर हमला किया गया। जबतक जांच पूरी नहीं हो जाती आरोपियों को जेल में रखा जाए। यह हमला पूर्व नियोजित था। एक कार में आग लगा दी गई, कई लोग घायल हुए। मामले की गहराई से जांच की जरूरत है। वहीं, 15 आरोपियों की ओर से पेश वकील रिबेका जॉन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि पुलिस ने बिना सबूत लोगों को गिरफ्तार किया है।




 

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