कृष्ण-सुदामा की टूटी जोड़ी, मुलायम सिंह को नाम से पुकारने वाले दर्शन सिंह का निधन

Edited By Umakant yadav,Updated: 17 Oct, 2020 04:04 PM

darshan singh who calls mulayam singh a broken pair of krishna sudama dies

समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव के लगोंटिया सैफई गांव के प्रधान दर्शन सिंह यादव का शनिवार सुबह निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका लखनऊ के लोहिया अस्पताल...

इटावा: समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव के लगोंटिया सैफई गांव के प्रधान दर्शन सिंह यादव का शनिवार सुबह निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका लखनऊ के लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा था। पारिवारिक सूत्रों ने प्रधान दर्शन सिंह यादव के निधन की जानकारी दी। दर्शन सिंह यादव 1971 से लगातार प्रधान चुने जा रहे थे। वह मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी थे और परिवार के खास थे। कहा जाता है कि कभी अखाड़े में उतरने वाले मुलायम सिंह यादव के साथ दर्शन सिंह यादव भी पहलवानी में हाथ आजमाते थे।  

अखिलेश सरकार ने यश भारती से किया था सम्मानित
अखिलेश सरकार ने प्रधान को यश भारती सम्मान प्रदान किया गया था। उनके निधन पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, प्रो. रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया है।  अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव के अलावा मुलायम परिवार के इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव, पूर्व सांसद तेजप्रताप सिंह यादव, अभयराम सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव के अलावा सैकड़ों लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

सैफई को मुबंई के समान अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने में रहा बड़ा योगदान
बता दें कि उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के छोटे से गांव सैफई को मायानगरी मुबंई के समान अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने में समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव के लंगोटिया यार ग्राम प्रधान दर्शन सिंह यादव का खास योगदान रहा है। सैफई को वीवीआईपी ग्राम पंचायत बनाने वाले दर्शन सिंह कम पढ़े लिखे होने के बावजूद सरकारी बाबुओं पर कड़ी नजर रखते थे और गांव के विकास के लिए आए पैसे का हिसाब उनसे लेते थे।

मुलायम सिंह मित्र की ईमानदारी के थे कायल
मुलायम देश-प्रदेश के किसी भी इंसान से ज्यादा भरोसा दर्शन सिंह पर करते थे और जब भी परेशान होते तो उनसे सलाह लेने के लिए खुद गांव पहुंच जाते। दोनों एक कमरे के अंदर कई-कई घंटे गप्पे मारते रहते। मुलायम अपने मित्र की ईमानदारी के इतने कायल है कि उन्हें आजीवन सैफई की सत्ता सौंप दी। दर्शन सिंह 1971 से यहां से निर्विरोध प्रधान चुनते आते रहे हैं वैसे यह भी चर्चा थी कि मुलायम सिंह यादव ने कह दिया था जब तक दर्शन सिंह है तब तक कोई दूसरा प्रधान नहीं होगा।

यादवलैंड में मात्र दर्शन सिंह थे जो नाम से पुकारते थे
मुलायम सिंह को यादवलैंड में एक ही व्यक्ति थे जो सीधे नाम लेकर पुकारता थे और गलती करने पर उन्हें फटकार लगाता थे। वह और कोई नहीं बल्कि सैफई ग्राम पंचायत के प्रधान व मुलायम के लंगोटिया दर्शन सिंह थे। दर्शन सिंह ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान ग्राम पंचायत सदस्यों के नाम की मुहर लगा मुलायम सिंह के पास भिजवाते और उनकी रजामंदी से वह सभी लोग भी निर्विरोध निर्वाचित होते हैं। उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में इसे एक रिकॉर्ड के तौर पर देखा जा रहा है।

मुलायम सिंह का पूरा परिवार दर्शन सिंह को देता था सम्मान
दर्शन सिंह अपने मित्र के सियासी सफर को रफ्तार देने के लिए गांव में बैठकर रणनीति बनाते रहते थे। पार्टी और परिवार के लोगों की माने तो मुलायम, शिवपाल, रामगोपाल और अखिलेश के साथ ही पूरा परिवार दर्शन सिंह को बहुत अधिक सम्मान दिया करता था। दर्शन सिंह और सपा सरंक्षक मुलायम सिंह बचपन के दोस्त हैं। मुलायम सिंह ने जब राजनीति में कदम रखा तो उनके कंधे से कंधा मिलाकर दर्शन सिंह चले। लोहिया आंदोलन के दौरान 15 साल की उम्र में मुलायम सिंह सियासत में कूद पड़े। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया और फरूर्खाबाद जेल में बंद कर दिया। इसकी भनक जैसे ही दर्शन को हुई तो उन्होंने जेल के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए। जिसके चलते जिला प्रशासन को मुलायम सिंह को रिहा करना पड़ा। 

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