Edited By Ramkesh,Updated: 30 Jan, 2025 08:17 PM
मेला क्षेत्र में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद प्रदेश सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास और तेज कर दिए। इस बीच, बृहस्पतिवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है। मंगलवार देर...
महाकुंभ नगर: मेला क्षेत्र में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद प्रदेश सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास और तेज कर दिए। इस बीच, बृहस्पतिवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है। मंगलवार देर रात हुई भगदड़ की घटना का यहां आ रहे श्रद्धालुओं पर कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा और वे मोक्ष पाने की अभिलाषा में स्नान घाट की ओर बढ़ रहे हैं। प्रदेश सरकार के मुताबिक, बृहस्पतिवार को शाम चार बजे तक 1.77 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी), मेला, वैभव कृष्ण ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुलिस आगामी बसंत पंचमी (तीन फरवरी) पर अमृत स्नान के लिए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त में लगी है तथा भारी संख्या में लोगों के आने के अनुमान के बीच पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को भीड़ का दबाव अपेक्षाकृत कम हुआ है और सभी पुल फिर से खोल दिए गए हैं जिससे मेला क्षेत्र में आवागमन सुगम हो सके।
हालांकि, बसंत पंचमी के पूर्व बेहतर भीड़ प्रबंधन के लिए प्रमुख स्थानों पर नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। डीआईजी ने स्पष्ट किया कि मौनी अमावस्या की तरह आगामी अमृत स्नान पर भी विशिष्ट व्यक्तियों (वीआईपी) की आवाजाही पर रोक बनी रहेगी। सुबह घने कोहरे के बाद दिन में धूप खिली और दिनभर लोगों का मेला क्षेत्र में आना जारी है। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग लगातार विभिन्न घाटों की तरफ जाते हुए दिखाई दिए। असम के गुवाहाटी से अपने परिवार के साथ आई गीता अग्रवाल ने बताया, “मैं अपने बच्चों और पोते-पोतियों के साथ मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान के लिए आई थी, लेकिन भारी भीड़ की वजह से हम त्रिवेणी संगम पर नहीं पहुंच सके। आज हम फिर कोशिश करेंगे, लेकिन अगर विफल रहे तो दूसरे घाट पर स्नान करेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्हें मेला क्षेत्र में रास्ता ढूंढने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई जगहों पर दिशानिर्देश स्पष्ट नहीं है। बुधवार को उन्हें कई बार दूसरों से रास्ता पूछना पड़ा जिससे वह कई बार रास्ते से भटक गईं। इस बीच, पुलिस अधीक्षक (यातायात) अंशुमान मिश्रा ने बताया कि मेला में भीड़ कम होने तक वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जब तक भीड़ मेला क्षेत्र से बाहर नहीं निकल जाती, बाहर की गाड़ियों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, हालांकि उच्च स्तर पर अधिकारी स्थिति को देखकर वाहनों के प्रवेश की अनुमति दे सकते हैं। मिश्रा ने स्पष्ट किया कि पुलिस प्रशासन, एंबुलेंस, ‘सक्शन' मशीन की गाड़ी आदि को प्रवेश की अनुमति होगी क्योंकि इनके बिना मेले का सुचारू संचालन नहीं हो सकेगा।
हरियाणा के गुरुग्राम से आए प्रमोद पंवार ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ बुधवार को यहां आए और अब वापस लौट रहे हैं। उन्होंने कहा, “आज तड़के हमने डुबकी लगाई। हम यहां कल आए थे, लेकिन यहां बहुत भीड़ थी। आज स्थिति बेहतर है।” दिल्ली से आईं आशा पटेल ने भी डुबकी लगाई। उन्होंने कहा, “हम कुछ अच्छा और कुछ खराब सुनते रहे, लेकिन हमने उस पर ध्यान नहीं दिया। काफी समय से महाकुंभ आने ने की हमारी इच्छा थी और अंततः वह इच्छा पूरी हो गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार भी भगदड़ की घटना की विस्तृत जांच के लिए आज यहां पहुंचे और मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की। प्रदेश सरकार व्यवस्थाओं को और दुरुस्त करने के लिए कुंभ मेला 2019 में सेवाएं दे चुके वरिष्ठ अधिकारियों आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को भी महाकुंभ मेले में तैनात करेगी। पिछले कुंभ के दौरान आशीष गोयल प्रयागराज के मंडलायुक्त थे, जबकि गोस्वामी प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इनके अलावा, पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को भी मेले की ड्यूटी में लगाया जा रहा है। ये सभी 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहेंगे। बुधवार को मौनी अमावस्या पर 7.64 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। यह किसी एक दिन डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की सबसे अधिक संख्या है।