कस्टडी में युवक की मौत पर BJP सांसद ने कानपुर पुलिस को घेरा, कहा- भ्रष्ट आचरण युवक की मौत का जिम्मेदार

Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Dec, 2022 03:31 PM

corrupt conduct of the police took the life of the youth bjp mp

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले में पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद देवेन्द्र सिंह भोले ने कहा कि जिला पुलिस का भ्रष्ट आचरण....

कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले में पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद देवेन्द्र सिंह भोले ने कहा कि जिला पुलिस का भ्रष्ट आचरण युवक की मौत का जिम्मेदार है। थाना शिवली के अंतर्गत पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में लालपुर सरैंया में रहने वाले व्यापारी बलवंत की मौत के बाद पुलिस अधीक्षक सुनीति ने मंगलवार को 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था और परिजनों की तहरीर के आधार पर एसओजी प्रभारी और पुलिसकर्मियों समेत 7 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। शव का पोस्टमाटर्म कानपुर नगर में 3 डॉक्टरों की पैनल की देखरेख में देर रात किया गया।

कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचारियों को देते हैं संरक्षण
अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए पत्रकारों से कहा कि कानपुर देहात की पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती हैं और उनके निर्देश पर यह घटना हुई है। मृतक व्यापारी था। गांव की पार्टी बंदी,निशानदेही और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण बलवंत को पकड़ कर पुलिस ले गई। पुलिस ने रनिया से पकड़ा है। उसके बाद रनिया से मैथा पहुँचे फिर सार्वजनिक चौराहे पर मृतक बलवंत को मारा जबकि लूट की घटना का मुकदमा दर्ज कराने वाला मृतक के चाचा बार-बार कह रहे थे कि उनका भतीजा चोरी में नहीं शामिल है, इसको छोड़ दें लेकिन पुलिस ने उसको नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक को अपने बंगले से निकलकर कहीं जाना ही नहीं है जिसके चलते कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता है जब जिले में लूट की घटना न होती है। आज तक एक भी घटना का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई है। इस घटना में पुलिस की घोर लापरवाही झलकती है।

पोस्टमाटर्म रिपोर्ट के बाद होगा दूध का दूध पानी का पानी
भोले ने पुलिस की कार्यशैली के साथ डॉक्टर पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि डॉक्टर ने जो रिफर रिफर लेटर बनाया है। उसमें 11 तारीख की घटना दर्शाई गई है जबकि घटना 12-13 तारीख की रात में हुई है। पूरी तरह से गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा था। ऐसी स्थिति में परिवार को कानपुर देहात पोस्टमाटर्म हाउस पर भरोसा नहीं था। जिसके चलते शासन में बात करने के बाद पोस्टमाटर्म कानपुर नगर में कराया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस कह रही है कि हाटर्अटैक से मौत हुई है लेकिन दूध का दूध पानी का पानी पोस्टमाटर्म रिपोर्ट आने के बाद हो जाएगा।

पूछताछ के दौरान पुलिस की बर्बरता का शिकार हो गया बलवंत
गौरतलब है कि कानपुर देहात के थाना शिवली के अंतर्गत 6 दिसंबर को व्यापारी चंद्रभान के साथ हुई लूट की घटना के खुलासे में जुटी पुलिस टीम व एसओजी टीम ने संदेह के आधार पर 5 लोगों को हिरासत में लिया था। जिसमें लूट का शिकार हुए चंद्रभान का भतीजा बलवंत भी मौजूद था। पूछताछ के दौरान बलवंत पुलिस की बर्बरता का शिकार हो गया और उसकी मौत हो गई जिसके बाद आनन-फानन में पुलिस अधीक्षक सुनीति के निर्देश पर 9 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए और वहीं पुलिस अधीक्षक ने जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी। देर रात 5 पुलिसकर्मी सहित 7 लोगों के ऊपर हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

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