पप्पू यादव के बहनोई जितेंद्र यादव की हत्या की साजिश नाकाम, पुलिस ने 2 को हिरासत में लिया

Edited By Ajay kumar,Updated: 30 Jul, 2022 12:48 PM

conspiracy to kill pappu yadav s brother in law jitendra yadav failed

अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रह चुके डा. जितेंद्र सिंह यादव की हत्या की कथित तौर पर सुपारी दी गई। इस मामले में डा. जितेंद्र सिंह यादव ने इसी सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े सपा सरकार के पूर्व मंत्री के...

फर्रुखाबाद: अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रह चुके डा. जितेंद्र सिंह यादव की हत्या की कथित तौर पर सुपारी दी गई। इस मामले में डा. जितेंद्र सिंह यादव ने इसी सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े सपा सरकार के पूर्व मंत्री के पुत्र के निजी सुरक्षा कर्मी समेत दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने सुरक्षा कर्मी समेत दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।

फर्रुखाबाद में मेजर एसडी सिंह मेडिकल कालेज, बेवर रोड, बघार निवासी डा. जितेंद्र सिंह ने अपनी हत्या करने की सुपारी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा को पत्र दिया। उसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। उसके बाद पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव के पुत्र सचिन यादव के निजी सुरक्षा कर्मी ढिलावल निवासी आदिल और नवाबगंज के गांव दुनाया निवासी अभिषेक प्रताप सिंह उर्फ एपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोनों को हिरासत में ले लिया। दर्ज कराए गए मुकदमे में डा. जितेंद्र यादव ने बताया कि वह मेजर एस कालेज प्रबंध समिति के सचिव हैं।

डा. जितेंद्र सिंह यादव बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव के बहन अनीता रंजन के पति हैं। उन्होंने वर्ष 2012 में जनक्रांति पार्टी से अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी थे। वह दूसरे नंबर पर रहे थे और नरेंद्र सिंह यादव जीत गए थे। वर्ष 2022 में डा. जितेंद्र सिंह ने विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उसके बाद 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से डा. जितेंद्र सिंह यादव और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव सपा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। सपा ने डा. जितेंद्र को अपना प्रत्याशी बनाया तो नरेंद्र सिंह यादव निर्दलीय चुनाव लड़ गए। दोनों लोग चुनाव हार गए। इसके बाद दोनों परिवारों में तल्खी बढ़ गई। इस कारण नरेंद्र सिंह यादव को लगा कि उनकी यादव मतदाताओं में राजनीतिक विरासत जितेंद्र सिंह यादव के पास चली गई। इस कारण वह उनसे व परिवार से रंजिश मानने लगे।

उन्हें एक विश्वस्त व्यक्ति ने फोन रिकार्डिंग उपलब्ध कराई, जिसमें आरोपित अभिषेक प्रताप सिंह यादव व दूसरे व्यक्ति के बीच बात हो रही है। जिसमें दूसरा व्यक्ति उनकी हत्या की सुपारी देने की बात कह रहा है। वह अभिषेक प्रताप सिंह को पहले से जानते हैं। वह उनके पास आता रहा है। उन्होंने जब अभिषेक से संपर्क किया तो उसने बताया कि आदिल ने सचिन यादव के कहने पर मोहल्ला नई बस्ती स्थित उनके आवास पर बुलाया था और वहां उनकी हत्या करने के लिए कहा था। डा. जितेंद्र यादव ने बताया कि सुपारी देने की बात सचिन यादव ने की थी। उनका तहरीर में नाम भी है, लेकिन पुलिस ने फिलहाल उन्हें आरोपित नहीं बनाया है।  सचिन यादव का नाता सैफई परिबार से है। सैफई परिबार के सपा नेता धर्मेंद्र यादव की पूर्ब पत्नी मोनिका यादव के भाई सचिन यादव पर साजिस का आरोप लगा है
 

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