Edited By Mamta Yadav,Updated: 31 May, 2022 05:30 PM

उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने भरोसा दिया कि पाइप पेयजल योजनाओं के अंतर्गत जिन कंपनियों ने गुणवत्तायुक्त पाइपलाइन नहीं बिछाई उनको काली सूची में डाला जायेगा और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पुलिस ने इसकी जानकारी...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने भरोसा दिया कि पाइप पेयजल योजनाओं के अंतर्गत जिन कंपनियों ने गुणवत्तायुक्त पाइपलाइन नहीं बिछाई उनको काली सूची में डाला जायेगा और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल में समाजवादी पार्टी के सदस्य मनोज पांडेय ने जल शक्ति मंत्री से यह सवाल किया कि प्रदेश में पूर्व से संचालित टंकी द्वारा पाइप पेयजल योजना के अंतर्गत वर्तमान में कितने स्थानों पर पाइप टूटे होने तथा मोटर जल जाने के कारण पाइप पेयजल योजना संचालित नहीं हो पा रही है। जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद ने बताया कि प्रदेश में पूर्व से संचालित 824 पाइप पेयजल योजनाओं के अंतर्गत वर्तमान में पाइप टूटे होने तथा मोटर जल जाने के कारण पाइप पेयजल योजनाएं संचालित नहीं हो पा रही है। निषाद ने बताया कि इनमें से 386 पाइप पेयजल योजनाओं का संचालन एवं अनुरक्षण उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) द्वारा तथा 438 पाइप पेयजल योजनाओं का संचालन एवं अनुरक्षण सम्बन्धित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है।
पूरक प्रश्न के दौरान मनोज पांडेय ने रायबरेली जिले में अपने क्षेत्र में 23 पानी की टंकी टूटने और अव्यवस्था का जिक्र किया। पांडेय ने कहा कि ग्राम पंचायतें इनका रखरखाव नहीं कर पा रही हैं। सपा सदस्य अवधेश प्रसाद ने अनुपूरक प्रश्न किया कि सरकार का इरादा सबको पानी देने का है लेकिन जिन कंपनियों ने खराब कार्य किया है, क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इन प्रश्नों के उत्तर में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि गुणवत्तायुक्त पाइप लाइन बिछानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों ने कार्य किया है, अगर वे जांच में दोषी पाई गईं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और उन्हें काली सूची में डाला जाएगा। इसके पहले राज्यमंत्री निषाद ने कहा कि सर्वे का कार्य चल रहा है और 31 अगस्त तक पूरा हो जाएगा, सर्वे में दोषी पाने पर कार्रवाई होगी।