सुल्तानपुर जेल में बंद पूर्व विधायक चंद्र भद्र सिंह को हाईकोर्ट से मिली जमानत, MP/MLA कोर्ट ने सुनाई थी डेढ़ साल की सजा

Edited By Ajay kumar,Updated: 21 Jun, 2024 04:31 PM

chandra bhadra singh lodged in sultanpur jail got bail from high court

मारपीट और दीवार गिराने के मामले में सुल्तानपुर जेल में बंद पूर्व विधायक चंद्र भद्र सिंह (सोनू सिंह) को इलाहाबाद हाईकोर्ट की  लखनऊ खंडपीट ने जमानत दे दी है। पूर्व विधायक चंद्र भद्र सिंह पर साल 2021 में दीवार गिराने और मारपीट के मामले को लेकर धनपतगंज...

सुल्तानपुर: मारपीट और दीवार गिराने के मामले में सुल्तानपुर जेल में बंद पूर्व विधायक चंद्र भद्र सिंह (सोनू सिंह) को इलाहाबाद हाईकोर्ट की  लखनऊ खंडपीट ने जमानत दे दी है। पूर्व विधायक चंद्र भद्र सिंह पर साल 2021 में दीवार गिराने और मारपीट के मामले को लेकर धनपतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। बीते दिनों MP/MLA कोर्ट ने उन्हें और उनके एक साथी को डेढ़ वर्ष की सजा सुनाई थी। जिसके बाद सजा बहाली के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। जिसमें उन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। बता दें कि मायंग में तीन साल पूर्व बनारसी लाल की दीवार गिराने और घर में घुसकर पिटाई के मामले में लोअर कोर्ट से सजा के खिलाफ सेशन कोर्ट में दाखिल अपील खारिज होने के बाद पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू और अंशू सिंह उर्फ सूर्य प्रकाश सिंह ने 10 जून को एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट की अदालत में सरेंडर कर दिया था।  

अभियोजन के 9 गवाह परीक्षित हुए थे
इस घटना की एफआईआर बनारसी लाल कसौंधन निवासी ग्राम मायंग ने लिखाई थी। उनके अनुसार 25 फरवरी 21 को सुबह आठ बजे की है। उनके गांव के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू उनके भाई मोनू सिंह, सिंटू जेसीबी लेकर आए और घर में घुस गए। असलहा दिखाकर उन्हें व बेटे अनिल को मारा पीटा। जब उनके बेटे व भतीजे डर के मारे भाग गए तो इन लोगों ने उनके मकान की दीवार व गेट जेसीबी व हाथ से गिरा दिया। विवेचना में मोनू की नामजदगी गलत पाई गई जबकि सोनू, सिंटू व जेसीबी चालक अमेठी निवासी रुक्सार पर मुकदमा चला। अभियोजन के 9 गवाह परीक्षित हुए थे। जिनके आधार पर तीनों को तत्कालीन मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने 6 जुलाई 2023 को सजा सुनाने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया था।

10 जून को किया था सरेंडर
उसी आदेश के विरुद्ध यह अपील दायर की गई थी। जो निरस्त हुई और सजा बहाल हुई तो उनके अधिवक्ता रूद्र प्रताप सिंह मदन ने समर्पण के लिए अवसर मांगा। जिसे विशेष जज एकता वर्मा ने निरस्त कर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। सूर्य प्रकाश उर्फ अंशु व सोनू सिंह ने अधिवक्ता के माध्यम से 10 जून को समर्पण कर दिया। सजा बहाली के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। जिसमें आज उन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।
 

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