Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 22 Jan, 2021 08:56 AM
उत्तर प्रदेश राज्य विधान परिषद द्विवार्षिक चुनाव में नाम वापसी अवधि पूरा होने पर निर्विरोध निर्वाचित 12 सदस्यों को प्रमाण पत्र सौंप दिये गये। निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विधान परिषद द्विवार्षिक चुनाव में नाम वापसी अवधि पूरा होने पर निर्विरोध निर्वाचित 12 सदस्यों को प्रमाण पत्र सौंप दिये गये। निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण दुबे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दस और समाजवादी पार्टी (सपा) के दो प्रत्याशियों को सदस्यता के प्रमाणपत्र सौंपें। विधान परिषद में अब भाजपा सदस्यों की संख्या 25 से बढ़कर 32 हो गयी है।
बता दें कि नये दस सदस्यों में डॉ. दिनेश शर्मा, स्वतंत्रदेव सिंह और लक्ष्मण आचार्य को फिर से मौका मिला है जबकि गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अरविंद कुमार शर्मा,प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, अश्विनी त्यागी, कुंवर मानवेंद्र सिंह, सलिल विश्नोई, धर्मवीर प्रजापति, सुरेंद्र चौधरी शामिल हैं। डा. शर्मा के अलावा अन्य सभी निर्वाचित सदस्य अपना प्रमाण पत्र लेने विधानभवन के टंडन सभागार पहुंचे थे। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष सपा के डा अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी को प्रमाण पत्र सौंपे गये।
भाजपा के दस प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचन के बाद उच्च सदन में पार्टी की ताकत बढ़ रही है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा समेत भाजपा भले ही दस प्रत्याशियों गुरुवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया, लेकिन विधान परिषद में अभी भी समाजवादी पार्टी का पलड़ा भारी है।विधान परिषद में 12 में दस सीटे हासिल करने के बावजूद सदन में सपा का पलड़ा भाजपा की तुलना में भारी रहेगा। आगामी 30 जनवरी के बाद सपा की सदस्य संख्या 55 से घटकर 51 रह जाएगी जबकि भाजपा के 32,बसपा के छह, कांग्रेस के दो,अपना दल (एस) का एक,शिक्षक दल का एक और पांच निर्दलीय उच्च सदन का प्रतिनिधित्व करेंगे।