Edited By Pooja Gill,Updated: 06 Aug, 2024 02:48 PM
Agra News: रकाबगंज थाने के आवासीय परिसर में महिला थानेदार और इंस्पेक्टर से मारपीट मामले जांच के बाद अब सारी परतें खुल रही है। पिटाई के समय मौके पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मी खामोश खड़े हुए थे, उनकी भूमिका की जांच...
Agra News: रकाबगंज थाने के आवासीय परिसर में महिला थानेदार और इंस्पेक्टर से मारपीट मामले जांच के बाद अब सारी परतें खुल रही है। पिटाई के समय मौके पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मी खामोश खड़े हुए थे, उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। जांच में पता चला है कि पिटाई के समय मौजूद पुलिसवाले यूं ही खामोश खड़े थे, वह थाने में गुटबाजी के चलते इंस्पेक्टर को पिटते देख रहे थे। कुछ पुलिसकर्मी पिटाई का वीडियो भी बना रहे थे। थाने में गुटबाजी हावी थी।
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को किया था चिन्हित
बता दें कि रकाबगंज थाना परिसर में शैली राणा और इंस्पेक्टर पवन कुमार थाने के सरकारी आवास में रंगरलियां मना रहे थे। इसकी जानकारी पवन की पत्नी को लग गई। पत्नी गीता नागर, साले ज्वाला नागर, सोनिका, भतीजे दिग्विजय ने उनका पीछा किया और 300 km दूर आगरा पहुंच कर दोनों को रंगे हाथों सरकारी आवास में पकड़ लिया। उसके बाद दोनों की जमकर पिटाई कर दी। इस दौरान कुछ पुलिसवाले भी मौजूद थे, जो पिटाई होते देख खामोश खड़े थे और वीडियो बना रहे थे। डीसीपी ने वीडियो के आधार पर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को चिन्हित किया था। दो मुख्य आरक्षी को निलंबित करने के साथ ही दो दारोगा, तीन मुख्य आरक्षी, एक आरक्षी को लाइन हाजिर किया था।
साजिश के बिंदु पर भी होगी विभागीय जांच
इस मामले में पुलिस ने इंस्पेक्टर पवन कुमार की पत्नी गीता नागर, ज्वाला सिंह और सोनिका को जेल भेज दिया। न्यायालय ने तीनों का जानलेवा हमले में रिमांड की धारा में रिमांड स्वीकृत नहीं किया था। घर में घुसकर मारपीट, गाली-गलाैज और बदले की धारा में रिमांड स्वीकृत किया था। इस मामले में विभागीय जांच की जा रही है। जांच में थाने में गुटबाजी का मामला सामने आया है। महिला थानेदार के साथ भी कई पुलिसकर्मियों के रिश्ते अच्छे नहीं थे और वह उसके खिलाफ थे। उन्होंने पिटाई के समय रोकने की कोशिश नहीं की और वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। विभागीय जांच के घेरे में कई और पुलिसकर्मी आ रहे हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, साजिश के तहत मारपीट की जाने के बिंदू के तहत भी जांच होगी। साजिश करने में कोई पुलिसकर्मी भी शामिल हो सकता है। अगर जांच में साजिश की बात साबित हुई तो पुलिसकर्मी जेल भी जा सकते है।