UP पंचायत चुनाव से पहले बड़ा खुलासा: मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं 50 लाख नाम...जानिए पूरा मामला

Edited By Mamta Yadav,Updated: 03 Nov, 2025 02:50 PM

big revelation before up panchayat elections 50 lakh names may be removed from

उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची की जांच ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) की समीक्षा में सामने आया है कि लाखों मतदाताओं के नाम एक ही सूची में बार-बार दर्ज हैं। कई जिलों...

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची की जांच ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) की समीक्षा में सामने आया है कि लाखों मतदाताओं के नाम एक ही सूची में बार-बार दर्ज हैं। कई जिलों में एक ही व्यक्ति का नाम दो या तीन बार पाया गया है, जिससे मतदाता सूची की सटीकता पर सवाल उठे हैं। सबसे ज्यादा दोहराव पीलीभीत, वाराणसी, बिजनौर और हापुड़ जिलों में मिला है। केवल पीलीभीत के पूरनपुर ब्लॉक में ही करीब 97 हजार डुप्लीकेट मतदाता पाए गए हैं। इसका मतलब है कि एक ही व्यक्ति कई वार्डों में अलग-अलग मतदाता के रूप में दर्ज है।

गहन पुनरीक्षण अभियान की तैयारी
आयोग ने माना है कि यह समस्या अत्यधिक व्यापक है और इसे ठीक करने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान चलाया जाएगा। ब्लॉकवार डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची जिलाधिकारियों को भेज दी गई है। अब स्थानीय प्रशासन घर-घर जाकर सत्यापन करेगा और जिन नामों की पुनरावृत्ति मिलेगी, उन्हें सूची से हटाया जाएगा।

किन जिलों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी
आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के 826 विकास खंडों में से 108 ब्लॉकों में 40 हजार से अधिक डुप्लीकेट नाम मिले हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं – वाराणसी (आराजीलाइन ब्लॉक – 77,947), गाजीपुर (सैदपुर – 71,170),  वाराणसी (पिंडरा – 70,940), जौनपुर (शाहगंज सोंधी – 62,890),  इन जिलों को आयोग ने विशेष निगरानी सूची में रखा है।

50 लाख नाम हटने की संभावना
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अगर पूरे प्रदेश में विस्तृत जांच की गई तो करीब 50 लाख नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि इससे पहले भी प्रयास हुए थे, लेकिन इस बार अभियान व्यापक पैमाने पर चलाया जा रहा है ताकि पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची पूरी तरह पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाई जा सके।

सख्त निर्देश जारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे तत्काल सत्यापन कार्य शुरू करें। किसी भी परिस्थिति में डुप्लीकेट मतदाता नाम चुनावी प्रक्रिया में बाधा नहीं बनने चाहिए। हर जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष जांच टीम बनाई जाएगी, जो दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट भेजने की अंतिम तिथि भी तय कर दी गई है।

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