Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Oct, 2019 05:12 PM
यूपी में 11 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे बहुजन समाज पार्टी के लिए निराशाजनक रहे ही है, तो वहीं इस उपचुनाव में कांग्रेस भी औंधे मुंह गिरी है। बीजेपी के बाद अगर किसी को फायदा मिला तो वह सिर्फ समाजवादी पार्टी है। अपनी एक...
लखनऊः यूपी में 11 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे बहुजन समाज पार्टी के लिए निराशाजनक रहे ही है, तो वहीं इस उपचुनाव में कांग्रेस भी औंधे मुंह गिरी है। बीजेपी के बाद अगर किसी को फायदा मिला तो वह सिर्फ समाजवादी पार्टी है। अपनी एक सीट गंवाकर और 6 प्रत्याशियों की जमानत जब्त कर बसपा नीचले पायदान पर आ गई है। वहीं यूपी में पहले से ही डूबती नईया में गोते खाती हुई कांग्रेस के 7 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
आंकलन किया जाए तो बसपा-कांग्रेस के आंकड़े भी बराबर हैं। रामपुर, लखनऊ कैंट, ज़ैदपुर, गोविंदनगर, गंगोह और प्रतापगढ़ ऐसी ही सीटें हैं, जहां बसपा अपनी जमानत नहीं बचा पाई। जमानत बचाने के लिए कुल पड़े वैध वोटों का 16.66 फीसदी चाहिए होता है लेकिन, बसपा को रामपुर में 2.14 फीसदी, लखनऊ कैण्ट में 9.64 फीसदी, ज़ैदपुर में 8.21 फीसदी, गोविंद नगर में 4.52 फीसदी, गंगोह में 14.37 फीसदी और प्रतापगढ़ में 12.74 फीसदी वोटों से ही संतोष करना पड़ा।
बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस ने 11 में से 7 सीटों पर जमानत गंवाई है। इस उपचुनाव में वे महज गंगोह और गोविंदनगर तक सिमट कर रह गई। भाजपा ने किसी प्रत्याशी की जमानत जब्त नहीं हुई है। बात करें निर्दलीय पार्टियों की तो कुल 109 उम्मीद्वार उपचुनाव में उतरे थे, इनमें से 82 उम्मीदवारों की ज़मानत जब्त हो गई है।