Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Jul, 2021 12:02 PM

यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों को रिझाने के लिए बसपा की ओर से कराए जा रहे प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को लेकर राजनीति सरगर्मी तेज हो गयी है, बीएसपी के ब्राह्मण कार्ड को लेकर सपा, कांग्रेस और भाजपा सहित तमाम राजनीतिक दल बसपा को घेरने में लग गए हैं...
अयोध्याः यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों को रिझाने के लिए बसपा की ओर से कराए जा रहे प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को लेकर राजनीति सरगर्मी तेज हो गयी है, बीएसपी के ब्राह्मण कार्ड को लेकर सपा, कांग्रेस और भाजपा सहित तमाम राजनीतिक दल बसपा को घेरने में लग गए हैं और सभी दलों में अपने को ब्राह्मण समाज का हितैशी बताने की होड़ सी लग गई है। वहीं दूसरी ओर आम जनता जाति धर्म की बजाए विकास की बात कर रही है।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने रामनगरी अयोध्या से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के जरिए ब्राह्मण कार्ड खेलना शुरू किया, जिसके बाद राजनीति के गलियारे में ब्राह्मणों को लुभाने की होड़ सी लग गई। जहां एक तरफ कांग्रेस नेता शरद शुक्ला ने बसपा पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए ब्राह्मणों के कांग्रेस में घर वापसी का दावा किया है, तो वहीं दिव्यांग सपा नेता ने ब्राह्मणों और सपा का संबंध कृष्ण और सुदामा की दोस्ती से जोड़कर बताया।
इस सबसे इतर भाजपा ने कहा कि हम जातिगत राजनीति नहीं करते। हम सबका साथ सबका विकास और सबके विश्वास को साथ लेकर चलते हैं। वहीं इस सब से इतर कोरोना संक्रमण के दौरान महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहे आम आदमियों का कहना है कि उन्हें जाति, धर्म और मजहब से कोई मतलब नहीं, उन्हें तो सिर्फ विकास चाहिए और महंगाई से की मार से निजात चाहिए।