CJI बीआर गवई पर हमले की कोशिश... पीडीए समाज का अपमान करने वाले ऐसे असभ्य लोग ...वर्चस्ववाद की बीमारी से घोर ग्रसित होते हैं: अखिलेश

Edited By Ramkesh,Updated: 06 Oct, 2025 07:42 PM

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंके जाने की कोशिश की घटना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक्स पर लंबा चौड़ा पोस्ट कर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के हाथ में जाकर तो जूता भी...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंके जाने की कोशिश की घटना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक्स पर लंबा चौड़ा पोस्ट कर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के हाथ में जाकर तो जूता भी अपमानित महसूस करता है। पीडीए समाज का अपमान करने वाले ऐसे असभ्य लोग दरअसल अपने दंभ और अहंकार के मारे होते हैं।

प्रभुत्ववादी सोच नफरत को जन्म देती है
उन्होंने कहा कि इनकी प्रभुत्ववादी सोच नफरत को जन्म देती है, जो देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए जितनी होती है, उतनी ही समाज के सबसे कमजोर अंतिम व्यक्ति के लिए भी। ऐसे लोग वर्चस्ववाद की बीमारी से घोर ग्रसित होते हैं। हम इसलिए कहते हैं, पीडीए का मतलब है ‘पीड़ित, दुखी, अपमानित’।

भाजपा और उसके संगी-साथी सत्ता के अंतिम दौर में हैं
अखिलेश ने का कि पीडीए समाज की उदारता और भलमनसाहत 5000 सालों से ऐसे लोगों को माफ़ करती आई है, लेकिन इस हद तक अपमान के बाद पीडीए समाज अब और नहीं सहेगा। भाजपा और उसके संगी-साथी अपनी सत्ता के अंतिम दौर में हैं , क्योंकि उनकी भ्रष्ट चुनावी साज़िश का भंडाफोड़ हो चुका है, वो अब कभी नहीं जीतेंगे। इसीलिए हताश होकर वो ऐसे कुकृत्य कर रहे हैं।

गुरूर और सिंहासन अब और नहीं टिकेगा
भाजपाई इस बार जाएंगे तो फिर कभी नहीं आएंगे क्योंकि जब आबादी का 90% हिस्सा अपने हक़-अधिकार के लिए जाग गया है तो 10% का गुरूर और सिंहासन अब और नहीं टिकेगा। भारत के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में ये दौर ‘अपमान बनाम सम्मान’ के संघर्ष का है। पीडीए अपने स्वाभिमान और स्वमान का ये अंतिम संघर्ष निर्णायक रूप से जीतकर रहेगा।

ये भी पढ़ें:- CJI बीआर गवई पर हमले की कोशिश करने वाला एडवोकेट प्रैक्टिस से सस्पेंड, SCAORA ने कहा- ये न्यायाधीशों के अधिकारों का अनादर...

लखनऊ: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमला करने की कोशिश की। इस घटना की एससीओएआरए ने कड़े शब्दों में निंदा की है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने तत्काल प्रभाव से एडवोकेट को प्रैक्टिस करने से सस्पेंड कर दिया है। एसोसिएशन ने कहा कि इस तरह से हमला न्यायाधीशों के अधिकारों का अनादर' है।
 

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