यूपी में एक और BLO की मौत, एसआईआर ड्यूटी के दौरान बिगड़ी थी तबीयत

Edited By Ramkesh,Updated: 28 Dec, 2025 03:21 PM

another blo dies in up after his health deteriorated while on sir duty

उत्तर प्रदेश में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (SIR) कार्य के दौरान एक और बीएलओ की मौत का मामला सामने आया है। मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र में तैनात बीएलओ विनीत कुमार का हार्ट अटैक से निधन हो गया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि एसआईआर कार्य के अत्यधिक दबाव और...

मेरठ: उत्तर प्रदेश में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (SIR) कार्य के दौरान एक और बीएलओ की मौत का मामला सामने आया है। मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र में तैनात बीएलओ विनीत कुमार का हार्ट अटैक से निधन हो गया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि एसआईआर कार्य के अत्यधिक दबाव और देर रात तक काम करने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी और उनकी जान चली गई।

अंतिम दिन देर रात तक करते रहे काम
परिजनों के मुताबिक, 26 दिसंबर को एसआईआर कार्य की अंतिम तिथि थी। इसी कारण विनीत कुमार पर काम का दबाव काफी बढ़ गया था। वह देर रात तक डाटा अपडेट और अन्य जरूरी कार्यों में लगे रहे। अगली सुबह अचानक उन्हें हार्ट अटैक आया।

अस्पताल ले जाते समय हुई मौत
शनिवार सुबह करीब पांच बजे विनीत कुमार की हालत अचानक बिगड़ गई। परिजन उन्हें तत्काल अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया।

सहायक अध्यापक के पद पर थे तैनात
विनीत कुमार, वीर सिंह के पुत्र थे और कस्बा करनावल के प्राथमिक विद्यालय संख्या-2 में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत थे। वह मेरठ के रोहटा रोड स्थित गोल्ड कोस्ट कॉलोनी के निवासी थे। वर्तमान में उनकी ड्यूटी बीएलओ के रूप में एसआईआर कार्य में लगाई गई थी।

बूथ स्तर पर सौंपी गई थी जिम्मेदारी
एसआईआर के तहत विनीत कुमार को बूथ संख्या-164, गोपाल जूनियर स्कूल, कक्ष संख्या-4, शोभापुर, मेरठ में जिम्मेदारी सौंपी गई थी। परिजनों का कहना है कि उन्होंने पहले ही अपनी खराब सेहत की जानकारी अधिकारियों को दे दी थी, इसके बावजूद उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया।

पहले से अस्वस्थ थे, फिर भी मिला भारी कार्यभार
परिवार के अनुसार विनीत कुमार पहले से ही बीमार चल रहे थे। इसके बावजूद एसआईआर के अंतिम चरण में उन्हें अत्यधिक कार्य सौंपा गया, जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई।

कर्मचारियों में रोष और चिंता
घटना के बाद साथी शिक्षकों और कर्मचारियों में शोक की लहर है। कर्मचारियों का कहना है कि एसआईआर जैसे बड़े कार्यों में लगे कर्मियों के स्वास्थ्य की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने स्वास्थ्य परीक्षण, कार्य समय की सीमा और दबाव कम करने की मांग की है।

अब तक करीब दस बीएलओ की मौत
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अब तक एसआईआर कार्य में लगे करीब दस बीएलओ की जान जा चुकी है। इनमें से कुछ मामलों में काम के दबाव के चलते आत्महत्या की घटनाएं भी सामने आई हैं। इस मुद्दे को विपक्ष ने विधानसभा में भी उठाया था। प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। फिलहाल बीएलओ की मौतों से जुड़े मामलों की जांच जिला स्तर पर की जा रही है।

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