Edited By Mamta Yadav,Updated: 15 Dec, 2022 02:48 AM

पटेल ने संजय गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, लखनऊ का 39वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि शिक्षा एवं अनुसंधान कार्य, रोगियों की बेहतर देखभाल और चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध इस संस्थान में ब्रांड स्पेशियलिटी में भी अध्ययन, अध्यापन और...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को कहा कि मरीज के साथ व्यवहार के ज्ञान के साथ-साथ चिकित्सक का खुशमिजाज होना भी जरूरी है। चिकित्सकों के सौम्य व्यवहार से मरीज को आत्मबल मिलता है।
पटेल ने संजय गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, लखनऊ का 39वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि शिक्षा एवं अनुसंधान कार्य, रोगियों की बेहतर देखभाल और चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध इस संस्थान में ब्रांड स्पेशियलिटी में भी अध्ययन, अध्यापन और चिकित्सा उपचार का कार्य होता है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में चिकित्सकों को मरीज के साथ व्यवहार के ज्ञान के साथ-साथ चिकित्सक को खुशमिजाज होना भी जरूरी है। मरीज के साथ चिकित्सकों के सौम्य व्यवहार से मरीज को आत्मबल मिलता है।
चिकित्सीय शोधों से पूरे देश में बृहद स्तर पर प्राप्त हुए स्वास्थय समाधानों की चर्चा को विशेष महत्व देते हुए उन्होंने कहा कि जनसामान्य की स्वास्थय समस्याओं को समझने और उनका समाधान निकालने की आवश्यकता है। कृषि कार्य, मजदूरी, फैक्ट्री, सघन गृह कार्य, आदि में संलग्न कामगारों की स्थान विशेष पर कार्य करने से विभिन्न स्वास्थय गत समस्याएं पैदा होती हैं। महिलाएं, श्रमिक, स्लम क्षेत्रों के निवासी अपने स्वास्थय की ओर ध्यान नही दे पाते। उनको स्वस्थ जीवन उपलब्ध कराने के लिए भी शोध और कार्यशालाएं आयोजित होनी चाहिए।
उन्होंने शोधार्थियों से आग्रह किया कि जितने भी शोध हों, उन में नवाचार को लिपिबद्ध करें, उसकी पुस्तक प्रकाशित करें और दूसरों के साथ उसे साझा करें। इसी क्रम में राज्यपाल ने योग्य पैरामेडिकल स्टाफ के अभाव की चर्चा को भी लक्ष्य किया। उन्होंने कहा कि इस समस्या को आपसी चर्चा से मिलकर दूर करें। एसजीपीजीआई अपनी विशेष चिकित्सा व्यवस्था और शिक्षण कार्यों से ग्लोबल पहचान बनाने में सक्षम है, इसलिए संस्थान को प्रतिबद्धता से इसके लिए तैयारी करनी चाहिए।