Edited By Ramkesh,Updated: 12 Jan, 2023 12:52 PM

Akhilesh Youth Day उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर सबसे बड़ी श्रद्धांजलि ये होगी कि सब अपने ‘विवेक’ का...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर सबसे बड़ी श्रद्धांजलि ये होगी कि सब अपने ‘विवेक’ का सक्रिय-सदुपयोग करें। विवेक की निष्क्रियता समाज को जड़ कर देती है, जिससे समाज नकारात्मकता, संकीर्णता, हिंसक मनोवृति और राजनीतिक स्वार्थ के छल-कपट का शिकार होकर कुंठित हो जाता है। उन्होंने इस मौके पर स्वामी विवेकानंद जी को भावपूर्ण नमन किया।
बता दें कि स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिन ‘राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी जी भारत के महानतम दार्शनिकों में से एक थे। विवेकानंद जी भारतीय मूल्यों के प्रति और हमारे युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज थे। जिसको उन्होंने 1893 में शिकागो में‘विश्व धर्म संसद'में अपने ऐतिहासिक भाषण से स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त किया था, जिसके कुछ अंश मैं आज याद करना चाहता हूँ। स्वामी जी ने कहा था, 'सांप्रदायिकता, कट्टरता और इसके भयानक वंशजों के धार्मिक हठ ने लंबे समय से इस खूबसूरत धरती को जकड़ रखा है। उन्होंने इस धरती को हिंसा से भर दिया है और कितनी ही बार यह धरती खून से लाल हो चुकी है। न जाने कितनी सभ्यताएं तबाह हुईं और कितने देश मिटा दिए गएज्आज हमारे करोड़ों लोग भारत को एक करने की आकांक्षा व सपने देखने में और समाज में फ़ैली नफ़रत को मिटाने के लिए आतुर हैं। स्वामी जी का संदेश हम सभी के लिए, विशेष रूप से हमारे युवाओं के लिए मार्गदर्शक प्रकाश बना हुआ है।' स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि 'उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये !

भारत में स्वामी विवेकानंद की जयंती का जन्म 12 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार सन् 1984 ई. को 'अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष' घोषित किया गया। इसके महत्त्व का विचार करते हुए भारत सरकार ने घोषणा की कि सन 1984 से 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानंद जयंती (जयन्ती) का दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में देशभर में सर्वत्र निर्णय लिया। ऐसा अनुभव हुआ कि स्वामी जी का दर्शन एवं स्वामी जी के जीवन तथा कार्य के पश्चात निहित उनका आदर्श—यही भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का बहुत बड़ा स्रोत हो सकता है। इस दिन देश भर के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं; रैलियां निकाली जाती हैं; योगासन की स्पर्धा आयोजित की जाती है।

वास्तव में स्वामी विवेकानन्द आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि हैं। विशेषकर भारतीय युवाओं के लिए स्वामी विवेकानन्द से बढ़कर दूसरा कोई नेता नहीं हो सकता। उन्होंने हमें कुछ ऐसी वस्तु दी है जो हममें अपनी उत्तराधिकार के रूप में प्राप्त परम्परा के प्रति एक प्रकार का अभिमान जगा देती है।[3] स्वामी जी ने जो कुछ भी लिखा है वह हमारे लिए हितकर है और होना ही चाहिए तथा वह आने वाले लम्बे समय तक हमें प्रभावित करता रहेगा। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में उन्होंने वर्तमान भारत को दृढ़ रूप से प्रभावित किया है। भारत की युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानन्द से निःसृत होने वाले ज्ञान, प्रेरणा एवं तेज के स्रोत से लाभ उठाएगी।