Edited By Ramkesh,Updated: 23 Jul, 2025 01:33 PM

Election Commission of India संसद के मानसून सत्र के पहले दिन भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से जहां एक तरफ विपक्ष भाजपा पर हमलावर है तो वहीं भारत निवार्चन आयोग ने उप राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसको लेकर नोटिफिकेशन...
यूपी डेक्स: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से जहां एक तरफ विपक्ष भाजपा पर हमलावर है तो वहीं भारत निवार्चन आयोग ने उप राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आयोग ने पत्र जारी कर बताया कि गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई, 2025 के अपने राजपत्र अधिसूचना S.O.3354(E) के माध्यम से भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की अधिसूचना जारी की है।
भारत के चुनाव आयोग को अनुच्छेद 324 के तहत भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने का अधिकार प्राप्त है। भारत के उपराष्ट्रपति पद का चुनाव राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों, अर्थात् राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 द्वारा शासित होता है। तदनुसार, भारत निर्वाचन आयोग ने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव से संबंधित तैयारियां शुरू कर दी हैं। तैयारी संबंधी गतिविधियां पूरी होने पर, भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा यथाशीघ्र की जाएगी।
घोषणा-पूर्व की प्रमुख गतिविधियां जो पहले ही शुरू हो चुकी हैं, उनमें शामिल हैं:
(1) निर्वाचक मंडल की तैयारी, जिसमें राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल हैं।
(ii) निर्वाचन अधिकारी/सहायक निर्वाचन अधिकारी(ओं) का अंतिम रूप
(iii) पिछले सभी उपराष्ट्रपति चुनावों पर पृष्ठभूमि सामग्री तैयार करना और उसका प्रसार करना।
आप को बता दें कि जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात करीब नौ बजे राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। सूत्रों ने बताया कि आधे घंटे बाद उन्होंने अपना त्यागपत्र सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर सार्वजनिक कर दिया। धनखड़ ने अपने पत्र में कहा, ‘‘स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।'' धनखड़ (74) ने अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल अगस्त 2027 में समाप्त होना था। धनखड़ राज्यसभा के पदेन सभापति भी थे। जिन्होंने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन अपना इस्तीफा दे दिया।