Edited By Mamta Yadav,Updated: 30 Oct, 2024 11:24 PM
दीपावली की पूर्व संध्या पर बुंदेली समाज ने 1857 की क्रांति में शहीद हुए 16 गुमनाम शहीदों को याद कर दीपावली मनाई। हवेली दरवाजा शहीद मैदान में "एक दिया बलिदानियों के नाम" आयोजित कार्यक्रम में 1001 दिए जलाकर शहीदों की शहादत को याद किया गया। जहां...
Mahoba News, (अमित श्रोती): दीपावली की पूर्व संध्या पर बुंदेली समाज ने 1857 की क्रांति में शहीद हुए 16 गुमनाम शहीदों को याद कर दीपावली मनाई। हवेली दरवाजा शहीद मैदान में "एक दिया बलिदानियों के नाम" आयोजित कार्यक्रम में 1001 दिए जलाकर शहीदों की शहादत को याद किया गया। जहां विधायक, एमएलसी ने भी दीप जलाकर शहीदों को नमन किया है।
दीपावली पर्व में बुंदेली समाज ने अंग्रेजी हुकूमत में हंसते हुए अपना बलिदान देने वाले गुमनाम शहीदों को याद करने के लिए हवेली दरवाजा शहीद मैदान में "एक दीया बलिदानियों के नाम" कार्यक्रम आयोजित किया। जहां 16 गुमनाम शहीदों की स्मृति में दीये जलाएं गए। जिनको 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के दौरान अंग्रेजी हुकूमत ने यहां इमली के पेड़ों से लटका कर फांसी दे दी थी। आयोजित कार्यक्रम में बूढ़े, बच्चे और जवान सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर एमएलसी जितेन्द्र सिंह सेंगर, सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने दीपजला कर शहीदों को याद किया।
बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर बताते है कि सबसे पहले शहीद मैदान की सफाई की गई। फिर चूना डालकर फूलों और दीपों से सजाया गया। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए लोगों में खासा उत्साह दिखा। लोगों ने दीपावली पर्व की पूर्व संध्या पर मिट्टी के दीपक जलाकर शहीदों को याद करते हुए भारत माता की जय और वंदे मातरम के जयकारे लगाकर दीपोत्सव के पर्व को देश भक्तिमय कर दिया। इस मौके पर तारा पाटकर ने बताया कि इसी मैदान में लगे इमली के पेड़ों में अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेने वाले 16 क्रांतिकारियों को फांसी दी गई थी। इनके नाम आज भी गुमनाम है मगर उनके त्याग और देशप्रेम को भुलाया नहीं जा सकता। इसलिए उन्हें हम सब याद करते है।
उन्होंने कहा कि शहीद मैदान की हालत इस वक्त बहुत खराब हैं। प्रशासनिक उपेक्षा के चलते मैदान का काफी हिस्सा अतिक्रमण की चपेट में है। इस मौके पर एमएलसी जितेन्द्र सिंह सेंगर, सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने दीपजलाकर शहीदों को याद करते हुए सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दी।