Edited By Purnima Singh,Updated: 27 May, 2025 05:53 PM

महादेव की नगरी काशी में इन दिनों घाटों पर फ़्रांस निवासी एक महिला चर्चा का केंद्र बनी हुई है। वाराणसी की घाटों पर उसकी शिव भक्ति आकर्षण का केंद्र बनी हुई है......
वाराणसी: महादेव की नगरी काशी में इन दिनों घाटों पर फ़्रांस निवासी एक महिला चर्चा का केंद्र बनी हुई है। वाराणसी की घाटों पर उसकी शिव भक्ति आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। हाथों में रुद्राक्ष धारण कर शिव की आराधना के साथ ही फ्रांसीसी महिला का पहनावा भी धार्मिक रंग में रंगा है। फ्रांसीसी महिला कैनवास के पन्नों पर शिव और शक्ति के चित्रों के साथ अपने आप को शिव को समर्पित कर रही हैं। ओम नमः शिवाय के जप के साथ हर दिन घाटों पर शिव शक्ति को चित्रों को उकेर कर उसमें रंग भरती हैं। जब इस विदेशी महिला से इसका कारण पूछा गया तो सच्चाई जानकर हर किसी के होश उड़ गए।
मुस्लिम कट्टरवाद से परेशान होकर आईं भारत
भारतीय वेश भूषा धारण किए लगभग एक महीने से वाराणसी में घूम रही यह महिला बनारस की नहीं बल्कि फ्रांस की निवासी ‘लिया’ है। ‘लिया’ इन दिनों बनारस की गलियों में घूम-घूमकर बनारस की संस्कृति को अपना रही हैं। इसकी वजह पूछने पर उन्होंने बताया कि धार्मिक कट्टरवाद की वजह से उन्होंने शिव की शरण ली है। वह फ्रांस में कट्टर विचारधारा से परेशान हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम कट्टरवाद फ्रांस में ज्यादा हो गया है। आए दिन लड़ाई से परेशान होकर वह शांति की तलाश में शिव की शरण में आई हैं।
‘लिया’ ने भारत में रहने का लिया फैसला
‘लिया’ का कहना है कि भारत जिस तरह कट्टरवाद से लड़ रहा है, ठीक वैसी ही स्थिति फ्रांस में बनी हुई है। भारत को सुरक्षित देश बताते हुए ‘लिया’ ने अब काशी में रहने का मन बना लिया है। हालांकि वो जून में वापस जाएंगी लेकिन नवंबर में फिर वापस आ जाएंगी और शिव की आराधना में खुद को समर्पित करेंगी।
‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करती रहती हैं लिया
बनारस की पांडेय घाट पर शिव की साधना में लीन लिया पारंपरिक भारतीय वेशभूषा पहने हाथ में रुद्राक्ष लिए ‘ॐ नमः शिवाय’ के मंत्रों का जाप करती नजर आती हैं। उन्होंने अपना जीवन शिव को समर्पित कर दिया है।