Edited By Anil Kapoor,Updated: 10 Jun, 2025 11:43 AM

Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश सरकार ने विवाह पंजीकरण (शादी रजिस्ट्रेशन) को लेकर बड़े बदलाव किए हैं। अब अगर कोई युवक-युवती घरवालों की मर्जी के बिना शादी करते हैं, तो उन्हें कुछ सख्त नियमों का पालन करना होगा। ये बदलाव इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले के...
Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश सरकार ने विवाह पंजीकरण (शादी रजिस्ट्रेशन) को लेकर बड़े बदलाव किए हैं। अब अगर कोई युवक-युवती घरवालों की मर्जी के बिना शादी करते हैं, तो उन्हें कुछ सख्त नियमों का पालन करना होगा। ये बदलाव इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद किए गए हैं, जिसके बाद योगी सरकार ने इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया है।
नए नियम क्यों लाए गए हैं?
मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में कई मामलों में फर्जी शादी के आरोप लगे हैं, खासकर बिना मान्यता प्राप्त मंदिरों या संस्थानों के जरिए। आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट पर भी फर्जी तरीके से शादी कराने के मामले दर्ज हुए हैं। गाजियाबाद में ही पिछले साल ऐसे 5 केस अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए थे। ऐसे मामलों को रोकने और शादी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
अब शादी रजिस्ट्रेशन के लिए लागू होंगे ये जरूरी नियम:
परिवार की मौजूदगी अनिवार्य
अब शादी का रजिस्ट्रेशन तभी होगा, जब वर या वधू के परिवार का कोई सदस्य वहां मौजूद होगा। यह सदस्य माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी या बालिग बच्चा कोई भी हो सकता है। उनकी उपस्थिति के बिना विवाह पंजीकरण नहीं किया जाएगा।
विवाह स्थल का नियम
शादी का रजिस्ट्रेशन उसी जिले में होगा, जहां वर या वधू के माता-पिता स्थाई रूप से रहते हैं।
बिना सहमति वाली शादी के लिए अतिरिक्त सबूत जरूरी
अगर शादी परिवार की सहमति के बिना हो रही है, तो शादी कराने वाले पुरोहित, काजी या पादरी का शपथ पत्र (affidavit) जरूरी होगा। जरूरत पड़ने पर रजिस्ट्रेशन अधिकारी उनकी गवाही भी दर्ज कर सकते हैं। पूरी शादी की वीडियो रिकॉर्डिंग पेन ड्राइव में जमा करनी होगी। विवाह प्रमाणपत्र पर विशेष मुहर लगाई जाएगी, जिससे प्रमाणिकता सुनिश्चित हो।
गाजियाबाद में दिखा असर
गाजियाबाद के सब-रजिस्ट्रार राहुल शुक्ला ने बताया कि नियमों को लेकर ऑफिस में नोटिस लगा दिया गया है और एक अलग रजिस्टर भी तैयार किया जा रहा है। अब शादी करने वालों को पूरी प्रक्रिया नियमों के तहत पूरी करनी होगी।
कोर्ट केस के बाद बदले नियम
इस नियम में बदलाव का कारण 'शनिदेव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार' नाम का केस है। कोर्ट ने ऐसे करीब 150 मामलों का जिक्र किया, जिनमें युवक-युवती भागकर शादी कर रहे थे और बाद में विवाद या धोखाधड़ी के मामले सामने आए।
नए नियमों का मकसद क्या है?
इन बदलावों का उद्देश्य शादी की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। अब विवाह सिर्फ 2 लोगों का निजी मामला नहीं रहेगा, बल्कि उसमें परिवार और सरकारी सिस्टम की भी भागीदारी होगी। यह कदम फर्जी शादी, धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग जैसे मामलों पर रोक लगाने में मददगार होगा।