Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Sep, 2024 07:44 AM
Ayodhya rape case: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अयोध्या बलात्कार मामले में पीड़िता द्वारा गर्भपात कराए गए भ्रूण की डीएनए रिपोर्ट शनिवार को तलब की। पीठ ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक को एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है और...
Ayodhya rape case: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अयोध्या बलात्कार मामले में पीड़िता द्वारा गर्भपात कराए गए भ्रूण की डीएनए रिपोर्ट शनिवार को तलब की। पीठ ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक को एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख़ मुक़र्रर की है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने 71 वर्षीय आरोपी मुईद अहमद की जमानत याचिका पर पारित किया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भ्रूण की डीएनए रिपोर्ट मांगी
मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने दावा किया कि उसे राजनीतिक कारणों से मामले में फंसाया गया है और उसे कोई दस्तावेज नहीं दिया गया है। याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने दलील दी कि मामला बेहद गंभीर प्रकृति का है तथा पीड़िता नाबालिग है । उन्होंने कहा कि घटना के बाद पीड़िता गर्भवती भी हो गई और गर्भपात के बाद डीएनए जांच के लिए सैंपल भेजा गया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने डीएनए जांच की रिपोर्ट तलब की।
दुष्कर्म के मामले में 30 जुलाई को आरोपियों को किया गया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने बलात्कार के मामले में 30 जुलाई को अयोध्या जिले के पुरा कलंदर क्षेत्र से बेकरी मालिक मुईद और उसके कर्मचारी को गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में दावा किया था कि आरोपी समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं।