Edited By Jagdev Singh,Updated: 26 Oct, 2019 01:02 PM
मध्य प्रदेश में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने झाबुआ चुनाव परिणाम के बाद राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ की कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अहंकार तो रावण का भी नहीं टिक पाया तो सीएम कमलनाथ का कहां टिकेगें। हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा...
इंदौर: मध्य प्रदेश में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने झाबुआ चुनाव परिणाम के बाद राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ की कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अहंकार तो रावण का भी नहीं टिक पाया तो सीएम कमलनाथ का कहां टिकेगें। हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा बीजेपी की लोकप्रियता में कमी नहीं आई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित अन्य नेताओं को गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए।
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर सवाल उठाते हुए कहा, वो बीजेपी पर जुगाड़ की सरकार के आरोप लगा रहे हैं, जबकि कमलनाथ की खुद की जुगाड़ की सरकार है। कमलनाथ के उस बयान का भी जवाब दिया जिसमें कमलनाथ ने कहा था कि बीजेपी अब सरकार गिराकर बताए।
वहीं शुक्रवार को इंदौर में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने हाल में ही हुए विधानसभा चुनावों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विपक्ष और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा में बीजेपी सरकार बनाएगी। हरियाणा में जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला किंगमेकर की भूमिका में नहीं हैं। हमारे पास स्पष्ट बहुमत है। उन्होंने कहा जो निर्दलीय पार्टी से बगावत करके खड़े हुए थे वो वापस आ गए हैं और उन्हीं के साथ पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत है। अगर दुष्यंत चौटाला समर्थन देंगे तो पार्टी हाई कमान बैठकर चर्चा करेगा।
इस दौरान विजयवर्गीय ने कहा कि ममता बनर्जी ने विधानसभा परिणाम पर कहा था कि बीजेपी को अपनी राजनीतिक हालत पता चल गई है। उसे इस बात को सबक के तौर पर लेना चाहिए। इस पर विजयवर्गीय ने कहा, ममता बनर्जी समझ नहीं पा रही हैं कि महाराष्ट्र में पिछली बार बीजेपी ने 260 में से 122 सीटें जीती थीं। इस बार हम 160 सीट पर लड़े और 100 से ज्यादा सीटें जीते हैं इसलिए पहले की तुलना में स्ट्राइक रेट 49 से बढ़कर 74 प्रतिशत हो गया। कहीं भी वोट शेयर कम नहीं हुआ है। ठीक इसी तरह हरियाणा में बीजेपी का वोट शेयर 33 से 36 प्रतिशत हो गया है। झाबुआ में भी बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा है। ऐसे में ना सिर्फ ममता बनर्जी को बल्कि अन्य नेताओं को भी ये समझ लेना चाहिए कि बीजेपी की लोकप्रियता में कमी नहीं आई है। वो अपनी गलतफहमी दूर कर लें कि बीजेपी को पब्लिक ने रिजेक्ट कर दिया है।