Edited By Nitika,Updated: 01 May, 2019 04:58 PM

झारखंड में लोकसभा की कुल 14 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। इनमें से 3 सीटों पलामू, चतरा और लोहरदगा पर चौथे चरण में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इसके साथ ही अब पांचवे चरण में 4 सीटों रांची, खूंटी, कोडरमा और हजारीबाग में चुनाव होने जा रहे हैं।
रांचीः झारखंड में लोकसभा की कुल 14 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। इनमें से 3 सीटों पलामू, चतरा और लोहरदगा पर चौथे चरण में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इसके साथ ही अब पांचवे चरण में 4 सीटों रांची, खूंटी, कोडरमा और हजारीबाग में चुनाव होने जा रहे हैं। इस खबर में हम आपको रांची लोकसभा सीट के बारे में बताने जा रहे हैं।

झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से एक रांची लोकसभा सीट है, हालांकि साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड अलग राज्य बना तब तक रांची भी बिहार का ही एक हिस्सा हुआ करता था। आजादी के बाद साल 1952 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अब्दुल इब्राहिम सांसद चुने गए थे।

साल 1957 में इस सीट पर निर्दलीय मीनू मसानी को जीत मिली थी, हालांकि इसके बाद 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस के पीके घोष लगातार तीन बार सांसद चुने गए लेकिन आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में इस सीट पर भारतीय लोक दल के रविंद्र वर्मा को जीत मिली।

साल 1980 और 1984 में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली और शिव प्रसाद साहू सांसद चुने गए लेकिन 1989 में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा खत्म हो गया और जनता दल के टिकट पर सुबोध कांत सहाय संसद पहुंचे। साल 1991 में इस सीट पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली और रामटहल चौधरी सांसद चुने गए। इसके बाद 1996, 1998 और 1999 तक लगातार रामटहल चौधरी सांसद रहे 2004 में एक बार फिर कांग्रेस ने वापसी की और सुबोध कांत सहाय सांसद चुने गए। साल 2009 में भी यह सीट उनके हाथ में ही रही जबकि 2014 के मोदी लहर में यह सीट बीजेपी के खाते में गई और एक बार फिर से रामटहल चौधरी सांसद चुने गए।

जिला |
विधानसभा क्षेत्र |
रांची |
रांची, कांके, सिल्ली, खिजरी, हटिया, सरायकेला |
खरसावां |
ईचागढ़ |
साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो रांची लोकसभा की 6 विधानसभा सीटों में से 4 पर भारतीय जनता पार्टी एक पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और एक सीट पर झारखण्ड विकास मोर्चा ( प्रजातांत्रिक) को जीत मिली थी।
एक नजर 2014 लोकसभा चुनावों के नतीजों पर
अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के रामटहल चौधरी को 4 लाख 48 हजार 729 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के सुबोध कांत सहाय 2 लाख 49 हजार 426 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं AJSUP के सुदेश कुमार महतो 1 लाख 42 हजार 560 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2009 लोकसभा चुनावों के नतीजों पर
साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस के सुबोध कांत सहाय ने 3 लाख 10 हजार 499 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं बीजेपी के रामटहल चौधरी 2 लाख 97 हजार 149 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि JVM के अख्तर अंसारी को 31 हजार 567 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2004 लोकसभा चुनावों के नतीजों पर
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस के सुबोध कुमार सहाय ने 2 लाख 84 हजार 35 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के रामटहल चौधरी 2 लाख 68 हजार 614 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि निर्दलीय बंधु तिर्की को 52 हजार 380 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
