देवस्थानम अधिनियम पर दुराग्रह छोड़ें या परिणाम भुगतें CM रावतः तीर्थ पुरोहित

Edited By Nitika,Updated: 26 Feb, 2020 05:40 PM

statement of shrine priest

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से तीर्थ-पुरोहितों ने चारधामों सहित राज्य के 50 से अधिक मंदिरों का नियंत्रण सरकारी हाथों में लेने के लिए हाल में पारित देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को लेकर अपना ''दुराग्रह'' छोड़ने या परिणाम भुगतने की...

 

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से तीर्थ-पुरोहितों ने चारधामों सहित राज्य के 50 से अधिक मंदिरों का नियंत्रण सरकारी हाथों में लेने के लिए हाल में पारित देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को लेकर अपना 'दुराग्रह' छोड़ने या परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।

गंगोत्री मंदिर समिति के पूर्व प्रमुख अशोक सेमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मसले पर अड़ियल रूख अपनाया हुआ है जो उनके लिए अच्छी बात नहीं है। उन्हें यह समझना चाहिए कि अधिनियम को खत्म करने की अपनी मांग से हम नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा में देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम लाये जाने से पहले तीर्थ-पुरोहित समाज को विश्वास में भी नहीं लिया गया और इसीलिए पूरा समाज आज अपमानित महसूस कर रहा है।

सेमवाल ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों की मुख्य शिकायत यह है कि इतना बड़ा निर्णय किये जाने से पहले सरकार ने उनकी पूरी तरह अनदेखी की जबकि इससे उन पर सीधा असर पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि तीर्थ-पुरोहितों के हितों की अनदेखी 'न तो त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के लिये और न ही उत्तराखंड की आर्थिकी की जीवनरेखा मानी जाने वाली चारधाम यात्रा के लिए ही अच्छी' होगी।

वहीं अशोक सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय में वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर जनहित याचिका तीर्थ पुरोहितों के सामूहिक प्रयास का ही नतीजा है। उन्होंने बताया कि चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित मंदिरों के संचालन के लिए अधिनियम के तहत सरकारी संस्था का गठन किए जाने के खिलाफ अलग से भी अदालत में एक याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में तीर्थ पुरोहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी दखल देने का आग्रह करेंगे।

इस बीच, स्वामी द्वारा इस संबंध में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 3 सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है।

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