Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 May, 2020 06:22 PM
विभिन्न राज्यों से उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को लेकर अभी तक 1337 ट्रेनें प्रदेश में आ चुकी हैं तथा 104 ट्रेनें रास्ते में हैं। करीब 1511 ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। सबसे अधिक 474 ट्रेनें गुजरात से आई हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने...
लखनऊः विभिन्न राज्यों से उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को लेकर अभी तक 1337 ट्रेनें प्रदेश में आ चुकी हैं तथा 104 ट्रेनें रास्ते में हैं। करीब 1511 ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। सबसे अधिक 474 ट्रेनें गुजरात से आई हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सबसे अधिक करीब एक लाख 47 हजार प्रवासी श्रमिक सिध्दार्थनगर में आए हैं जबकि महाराजगंज जिले में एक लाख तीन हजार तथा सीतापुर में 50 हजार, हरदोई में 58 हजार श्रमिक आ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि अब तक गोरखपुर में कामगारों को लेकर 219 ट्रेनें आ चुकी हैं। इस प्रकार गोरखपुर रेलवे जंक्शन पूरे देश में सर्वाधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन ‘रिसीव' करने वाला स्टेशन बन गया है। इसी प्रकार लखनऊ में करीब 89, जौनपुर में 99, बलिया में 64 ट्रेनें आ चुकी हैं । उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को लाने का सिलसिला लगातार जारी है।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र के सहयोग से प्रदेश सरकार विभिन्न राज्यों से कामगारों की सुरक्षित व सम्मानजनक प्रदेश वापसी सुनिश्चित कर रही है। प्रदेश आने वाले समस्त कामगारों की जांच करते हुए उन्हें पृथक-वास या घर में अलग रखा जाए। इसके साथ ही कामगारों सहित सभी जरूरतमंदों को सामुदायिक रसोई के द्वारा शुद्ध एवं भरपेट भोजन की व्यवस्था की जाए। पृथक-वास केंद्रों में श्रमिकों के कौशल का पता करते हुए उनके मोबाइल नम्बर एवं बैंक खाता संख्या सहित सम्पूर्ण विवरण संकलित किया जाए। इससे इन्हें रोजगार प्रदान करने में सुविधा होगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक-वास के लिए घर जाने वाले कामगारों को खाद्यान्न किट उपलब्ध कराई जाए तथा इन्हें एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता अवश्य उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि कामगारों के निष्क्रिय बैंक खातों को अविलम्ब सक्रिय कराया जाए ताकि ऐसे लोगों को भरण-पोषण भत्ते की धनराशि मिल सके।