Edited By Ramkesh,Updated: 06 Aug, 2025 08:39 PM

गोरखपुर एक्सप्रेस में महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया था। मामला बेहद संवेदनशील था, और यही वजह रही कि महिला की ओर से लिखित शिकायत न देने के बावजूद दादर जीआरपी ने स्वतः संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज की। लेकिन...
लखनऊ: गोरखपुर एक्सप्रेस में महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया था। मामला बेहद संवेदनशील था, और यही वजह रही कि महिला की ओर से लिखित शिकायत न देने के बावजूद दादर जीआरपी ने स्वतः संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज की। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, मामला पूरी तरह से उलट गया।
क्या था महिला का आरोप?
30 वर्षीय महिला ने दावा किया था कि वह गोरखपुर एक्सप्रेस के जनरल कोच में प्रयागराज से मुंबई की ओर यात्रा कर रही थी। उसके मुताबिक, ट्रेन के वॉशरूम में एक अज्ञात व्यक्ति ने घुसकर दरवाजा बंद किया और यौन उत्पीड़न किया। 13 जुलाई को दादर जीआरपी को एक अस्पताल से सूचना मिली कि महिला के निजी अंगों पर चोटें हैं। पूछताछ में महिला ने ट्रेन में हुए उत्पीड़न की कहानी दोहराई, लेकिन शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया।
जांच ने बदला घटनाक्रम का रुख
पुलिस ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। ट्रेन और स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, यात्रियों की सूची व मेडिकल रिपोर्ट का विश्लेषण किया गया। जांच में जो खुलासा हुआ, वह हैरान कर देने वाला था—जिस दिन महिला ने ट्रेन में यौन उत्पीड़न होने का दावा किया था, उसी रात वह अपने प्रेमी के साथ मुंबई के एक गेस्ट हाउस में ठहरी हुई थी। वहीं पर दोनों ने आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे, जिससे महिला को चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
अब क्या आगे?
जीआरपी अधिकारी अब यह पता लगाने में जुटे हैं कि महिला ने झूठा आरोप क्यों लगाया। क्या इसके पीछे कोई मानसिक दबाव, सामाजिक डर या अन्य कारण थे, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस ने झूठी जानकारी देने, पुलिस संसाधनों का दुरुपयोग करने और झूठी एफआईआर के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।