अर्धकुंभ से पहले बदला जाएगा इलाहाबाद का नाम, जानिए वजह

Edited By Ruby,Updated: 25 May, 2018 07:19 PM

will be changed before the half timer

विश्व प्रसिद्ध इलाहाबाद का कुंभ मेला 4 फरवरी 2019 से 4 मार्च तक 2019 तक चलेगा। कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर योगी सरकार पूरे एक्शन में नजर आ रही है। हर बार की तरह इस बार भी कुंभ मेला खास होगा। केंद्र और राज्य सरकार कुंभ की भव्यता पूरी दुनिया को...

इलाहाबादः विश्व प्रसिद्ध इलाहाबाद का कुंभ मेला 4 फरवरी 2019 से 4 मार्च तक 2019 तक चलेगा। कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर योगी सरकार पूरे एक्शन में नजर आ रही है। हर बार की तरह इस बार भी कुंभ मेला खास होगा। केंद्र और राज्य सरकार कुंभ की भव्यता पूरी दुनिया को दिखाने की पुरजोर कोशिश में लगी है। सबसे खास बात कुंभ मेले को लेकर कई तैयारियां की गई हैं। इसके साथ ही कई बदलाव भी किए जाएंगे। खबर है कि योगी सरकार इलाहाबाद शहर का नाम बदलने की तैयारी में है। 

बदला जाएगा इलाहाबाद शहर का नाम 
बताया जा रहा है कि अगले वर्ष आयोजित होने वाले कुंभ मेले से पहले यह काम किया जा सकता है। इस संबंध में संतों और अखाड़ा परिषदों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था और खुद मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद की अपनी यात्रा के दौरान इस संबंध में संकेत दिए थे। सरकार कुंभ की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रैंडिंग कर रही है और इस संबंध में अगर आप इलाहाबाद में लगे विभिन्न होर्डिगों पर भी देखेंगे तो उनमें प्रयाग कुंभ का जिक्र किया गया है।

जाना जाएगा तीर्थराज प्रयाग के नाम से
इलाहाबाद को वैसे भी तीर्थराज प्रयाग के नाम से जाना जाता है। पहले इसका नाम प्रयाग ही था लेकिन मुगल बादशाह अकबर ने 1583 ईस्वीं में इसका नाम बदलकर इलाहाबाद रख दिया था। अब संघ और भाजपा नेताओं की भी मांग है कि इस शहर का नाम बदला जाए। भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि शहर का नाम बदलने से पार्टी को चुनावी लाभ भी हो सकता है। पार्टी नेताओं का तर्क है कि यह पहली बार नहीं होगा कि किसी शहर या जिले का नाम बदला जाए। इससे पहले मायावती और अखिलेश यादव भी अपने मुख्यमंत्रित्व काल में ऐसा कर चुके हैं। मायावती ने तो अपने कार्यकाल में 11 जिलों के नाम दलित महापुरुषों पर कर दिए थे।

पहले भी कर चुके हैं बदलाव 
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलवा कर दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन करवा दिया। योगी जब गोरखपुर के सांसद थे तब भी कहा गया कि उन्होंने कई बाजारों के नाम बदलवा कर उनके हिंदू नाम करवा दिए थे। योगी इस पर तर्क देते रहे हैं कि हम पुराना गौरव बहाल कर रहे हैं। अब कुंभ से पहले इलाहाबाद का नाम प्रयाग राज करने के पीछे भी यही तर्क दिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश का मंत्रिमंडल जल्द ही कैबिनेट बैठक कर इस मुद्दे पर फैसला ले सकता है।

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