जब पत्थर दिल बने बहु-बेटा और अपंग मां को छोड़ दिया जंगल में...
Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 12 Aug, 2021 09:53 PM
कहते हैं कि इस धरती पर मां-बाप नाम का धन ही सबसे बड़ा धन है। मगर उत्तर प्रदेश प्रेम के प्रतीक का शहर ताजनगरी आगरे में वह गायब दिखा। जहां बूढ़ापे में अपंगता
आगराः कहते हैं कि इस धरती पर मां-बाप नाम का धन ही सबसे बड़ा धन है। मगर उत्तर प्रदेश प्रेम के प्रतीक का शहर ताजनगरी आगरे में वह गायब दिखा। जहां बूढ़ापे में अपंगता की मार झेल रही मां को कलियुगी बहू-बेटा जिसे मां ने जिदगी दी और इस लायक बनाया कि वह जिंदगी में एक मुकाम पाए उसी संतानों ने उन्हें जंगल में छोड़ दिया।
बता दें कि मामला ताजनगरी के थाना सिकंदरा अंतर्गत कैलाश मंदिर के पास का है। जहां एक कलियुगी कपूत ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपनी बुजुर्ग दिव्यांग मां से छूटकारा पाने के लिए वृद्ध मां को जंगल में ले जाकर भूखा-प्यासा मरने के लिए छोड़ दिया। जब उधर से कुछ लोग गुजरे तो महिला जंगल में पड़ी मिली। सौभाग्य से जिन लोगों को बह महिला दिखी बह एक वृद्धाश्रम के कार्यकर्ता थे। उन्होंने तुरंत वृद्ध महिला को जंगल से उठाकर, वृद्धाश्रम ले गए। जंहा उन्होंने भूखी महिला को खाना खिलाया। जब महिला की भूख शांत हुई तो उसकी आँखों से आंसू छलक पड़े और मुंह से कपूत की करतूत।
‘पति से लड़कर अपने दो बेटों को काबिल बनाया। कई बार भूखा भी रहना पड़ा। फटे कपड़े भी पहने। लेकिन दवा दिलाने के बहाने छोटे बेटे ने पत्नी के साथ मिलकर मां को जंगल में लाकर छोड़ दिया।’